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हॉकी के 100 वर्ष: बिजनौर में खेला गया जज़्बे, जोश और गौरव का मैच!

हॉकी के 100 वर्ष: बिजनौर में खेला गया जज़्बे, जोश और गौरव का मैच!

नेहरू स्पोर्ट्स स्टेडियम में जिला स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता का भव्य आयोजन, स्टेडियम A टीम बनी विजेता

बिजनौर, 07 नवंबर 2025।
हॉकी — जिसे भारत का राष्ट्रीय खेल कहा जाता है — ने आज अपने 100 गौरवशाली वर्ष पूरे कर लिए। इस ऐतिहासिक अवसर पर बिजनौर जिला खेल कार्यालय ने नेहरू स्पोर्ट्स स्टेडियम में जिला स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता का भव्य आयोजन कर इस परंपरा को नई ऊर्जा दी।

यह आयोजन न केवल खेल के प्रति सम्मान का प्रतीक बना, बल्कि युवाओं में उत्साह, अनुशासन और टीम भावना का जीवंत प्रदर्शन भी रहा।

उद्घाटन में दिखा खेल भावना का जज़्बा

कार्यक्रम का उद्घाटन जिला क्रीड़ा अधिकारी राजकुमार एवं वरिष्ठ हॉकी खिलाड़ियों ने संयुक्त रूप से किया।
राजकुमार ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में कहा —

“हॉकी केवल एक खेल नहीं, बल्कि यह हमारी एकता, अनुशासन और देशभक्ति का प्रतीक है। युवा खिलाड़ी इसी जोश को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और देश का नाम रोशन करें।”

फाइनल मुकाबला: रोमांच से भरा पल-पल का संघर्ष

प्रतियोगिता में जिले के विभिन्न विद्यालयों और खेल संस्थानों की टीमों ने भाग लिया।
फाइनल में स्टेडियम A और स्टेडियम B के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली।
अंततः स्टेडियम A ने 6–5 से रोमांचक जीत दर्ज करते हुए विजेता ट्रॉफी अपने नाम की।

दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने शानदार तालमेल, रणनीति और अनुशासन का परिचय देते हुए दर्शकों की खूब तालियाँ बटोरीं।

वरिष्ठ खिलाड़ियों की उपस्थिति से बढ़ा आयोजन का गौरव

प्रतियोगिता में जिले के कई वरिष्ठ हॉकी खिलाड़ी भी मौजूद रहे, जिनकी उपस्थिति ने आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।
इनमें प्रमुख रहे —
वि.के. त्यागी, खालिद इसरार, अचल महर्षि, सरदार अली, विकास अग्रवाल, विजेंद्र सिंह, विकल महर्षि, अफसर, मनोज गुप्ता, फुरकान, सुरेंद्र राणा, शबनम जैदी, बबीता शर्मा, शकील अहमद, राजेश कुमार, कपिल सैनी, सहनवाज आलम, नगमा, अभिनव वाल्टर, विजय कुमार, मुसब्बर, फरहत अली, महेश बिश्नोई, फगेंद्र पाल सिंह, मिथिलेश और अभिनव शर्मा रजत शर्मा।

वरिष्ठ खिलाड़ियों ने युवाओं को मार्गदर्शन दिया और कहा कि “हॉकी का मैदान केवल खेल का नहीं, बल्कि अनुशासन और देशप्रेम का पाठशाला है।”

निर्णायक और आयोजक दल की भूमिका रही अहम

मैच की निर्णायक (अंपायर) श्रीमती चित्रा चौहान रहीं, जिन्होंने निष्पक्षता और सटीक निर्णयों से पूरे आयोजन को सफल बनाया।
कार्यक्रम का संचालन शकील अहमद ने किया, जबकि निर्णायकों, प्रशिक्षकों और सहयोगी स्टाफ ने प्रतियोगिता की सफलता में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

विजेता टीम को सम्मान और शुभकामनाएँ

कार्यक्रम के समापन पर विजेता एवं उपविजेता टीमों के खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया
वरिष्ठ खिलाड़ियों और अधिकारियों ने खिलाड़ियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं।

विश्लेषण: हॉकी के सौ साल, बिजनौर का संदेश — “खेलो इंडिया, बढ़ो इंडिया”

  • यह आयोजन सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि हॉकी के गौरवशाली इतिहास को श्रद्धांजलि थी।
  • स्थानीय स्तर पर ऐसे कार्यक्रम युवाओं में खेल संस्कृति को बढ़ावा देते हैं।
  • बिजनौर जैसे ज़िले में हॉकी के लिए बढ़ती रुचि इस बात का संकेत है कि खेल अब केवल मैदान तक सीमित नहीं, बल्कि यह जनभावना और प्रेरणा का माध्यम बन चुका है।

रिपोर्टर का निष्कर्ष:
बिजनौर में आयोजित यह जिला स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय खेल परंपरा की जीवंत झलक थी।
हॉकी के 100 वर्ष का यह जश्न साबित करता है कि जब खेल और संस्कार एक साथ हों, तो मैदान पर हर खिलाड़ी देश का दूत बन जाता है।

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