फरीदाबाद में डॉक्टर के घर से विस्फोटकों का जखीरा — 300 किलो “RDX” जैसी सामग्री, AK राइफल और कारतूस बरामद, दिल्ली-NCR में मचा हड़कंप!
‘व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क’ का पर्दाफाश — जम्मू-कश्मीर पुलिस के इनपुट पर फरीदाबाद में छापेमारी, डॉक्टर आदिल अहमद की गिरफ्तारी से खुला आतंकी तंत्र
घटना का सार — डॉक्टर के घर से मौत का खजाना!
हरियाणा के औद्योगिक शहर फरीदाबाद में उस वक्त हड़कंप मच गया जब जम्मू-कश्मीर पुलिस और फरीदाबाद पुलिस की संयुक्त टीम ने एक डॉक्टर के घर पर छापा मारा और वहां से विस्फोटक सामग्री का पहाड़ बरामद कर लिया।
छापेमारी के दौरान पुलिस को लगभग 300 से 350 किलो तक अमोनियम नाइट्रेट, AK-शैली की राइफल, सैकड़ों कारतूस, टाइमर, बैटरियां, और रिमोट डिवाइस जैसी खतरनाक सामग्री मिली।
पहले इस बरामदगी को “RDX” बताया गया था, लेकिन पुलिस कमिश्नर सतीन्द्र कुमार गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया —
“बरामद सामग्री RDX नहीं, बल्कि अमोनियम नाइट्रेट और उससे जुड़ी IED-निर्माण सामग्री है। फिर भी, यह उतनी ही घातक और खतरनाक है।”
🕵️♂️ कैसे खुला यह पूरा नेटवर्क — गिरफ्तारी से लेकर छापेमारी तक की पूरी कहानी
📍 चरण 1: सहारनपुर से हुई गिरफ्तारी
7 नवंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से डॉ. आदिल अहमद राथर नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में उसने बताया कि उसके फरीदाबाद स्थित किराए के घर में विस्फोटक सामग्री छिपाई गई है।
📍 चरण 2: फरीदाबाद में छापा
अगले ही दिन — 8 नवंबर 2025 — पुलिस ने धौज इलाके में डॉक्टर के घर पर छापा मारा। घर के एक कमरे में मिट्टी और सामान के नीचे से 300 किलो से अधिक अमोनियम नाइट्रेट, AK राइफल, और टाइमर डिवाइस बरामद हुए।
📍 चरण 3: जांच का विस्तार
इसके बाद फरीदाबाद, सहारनपुर, श्रीनगर और अनंतनाग में NIA, IB और स्थानीय पुलिस की टीमें एक साथ हरकत में आ गईं।
पुलिस का कहना है कि डॉक्टर एक ऐसे मॉड्यूल का हिस्सा था, जो “व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क” के रूप में काम कर रहा था — यानी उच्च शिक्षित पेशेवरों द्वारा संचालित आतंकी साजिश।
फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर का बयान — “समय रहते टल गई बड़ी तबाही”
फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर सतीन्द्र कुमार गुप्ता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया —
“हमारे लिए सबसे राहत की बात यह है कि इस विस्फोटक का प्रयोग होने से पहले ही हम इसे पकड़ने में कामयाब रहे।
इतनी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट अगर सक्रिय होता, तो दिल्ली-NCR क्षेत्र में बड़ा हादसा हो सकता था।”
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने फोरेंसिक जांच के लिए सारा सामान जब्त कर लिया है और विशेषज्ञ टीम इसकी सटीक प्रकृति और स्रोत का परीक्षण कर रही है।
बरामद सामग्री का डरावना ब्योरा
| सामग्री | मात्रा / विवरण |
|---|---|
| अमोनियम नाइट्रेट (RDX जैसी विस्फोटक सामग्री) | लगभग 300–350 किलो |
| AK-शैली की असॉल्ट राइफल | 01 |
| कारतूस | सैकड़ों |
| टाइमर डिवाइस, बैटरी, तारें | बड़ी संख्या में |
| रिमोट और वॉकी-टॉकी सेट | 02 |
| लोहे के टुकड़े (IED में प्रयोग हेतु) | कई किलो |
फोरेंसिक टीमों ने बताया कि यह पूर्ण रूप से IED बनाने की तैयारी का संकेत देता है — यानी किसी बड़े आतंकी हमले की साजिश संभव थी।
व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क: आतंक की नई शक्ल
जम्मू-कश्मीर पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मॉड्यूल सिर्फ असलहों तक सीमित नहीं है —
यह एक शिक्षित वर्ग का नेटवर्क है, जो डॉक्टरों, इंजीनियरों, और छात्रों के बीच कट्टरपंथी विचारधारा फैलाकर आतंकी गतिविधियों में उन्हें शामिल कर रहा है।
इस नेटवर्क के विदेशी फंडिंग और सोशल मीडिया के जरिए ब्रेनवॉशिंग के प्रमाण भी मिले हैं।
जांच एजेंसियों की फोकस लाइनें
- विस्फोटक सामग्री कहां से लाई गई और किस माध्यम से पहुँची?
- क्या यह मॉड्यूल किसी विदेशी संगठन से जुड़ा हुआ है?
- दिल्ली-NCR या किसी संस्थागत स्थल पर हमला करने की योजना थी?
- डॉक्टर आदिल के संपर्क में कौन-कौन लोग थे — देश के किन हिस्सों से लिंक जुड़ा है?
- डिजिटल उपकरणों से कौन-सा डेटा मिटाया गया और क्यों?
दिल्ली-NCR में सुरक्षा अलर्ट
इस बरामदगी के बाद दिल्ली पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने सभी संवेदनशील ठिकानों पर अलर्ट जारी कर दिया है।
रेलवे स्टेशन, मेट्रो डिपो, धार्मिक स्थल और सरकारी भवनों की सुरक्षा बढ़ाई गई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार —
“अगर यह नेटवर्क सक्रिय हो जाता, तो आने वाले त्योहारों या राजनीतिक कार्यक्रमों के दौरान कोई बड़ा ब्लास्ट संभव था। समय रहते कार्रवाई ने सैकड़ों जानें बचा लीं।”
निष्कर्ष — एक डॉक्टर, एक घर और 300 किलो विस्फोटक ने खोली देश की नींद!
यह मामला सिर्फ एक छापेमारी नहीं —
यह उस नए चेहरे वाले आतंकवाद का उदाहरण है जो अब बंदूकधारी नहीं, बल्कि लैब कोट पहने, डिग्रीधारी आतंकी के रूप में समाज में प्रवेश कर रहा है।
फरीदाबाद की यह बरामदगी बताती है कि आतंकवाद अब सिर्फ सरहदों तक सीमित नहीं, बल्कि शिक्षा, पेशा और आधुनिक तकनीक के जरिए भीतर तक फैल चुका है।
पुलिस और खुफिया एजेंसियों के त्वरित एक्शन ने न केवल एक बड़ी साजिश को नाकाम किया, बल्कि यह भी दिखाया कि देश की सुरक्षा तंत्र अब किसी भी रूप के आतंक के लिए तैयार है।








