तेज रफ्तार ट्रैक्टर बना मासूम की मौत का कारण: ड्राइवर मौके से फरार, पुलिस से न्याय की गुहार
बिजनौर से दर्दनाक हादसे की रिपोर्ट — गांव करौंदा चौधर में पसरा मातम
मुख्य बातें:
-
सुबह 8:30 बजे सड़क किनारे खेल रहे 3 साल के बच्चे की ट्रैक्टर से कुचलकर मौत
-
चालक ने ग्रामीणों की पुकार के बावजूद ट्रैक्टर नहीं रोका
-
आरोपी चालक मिथुन पुत्र हरि सिंह मौके से फरार
-
परिजनों ने थाना कोतवाली देहात में दी तहरीर, कानूनी कार्रवाई की मांग
हादसे का समय और घटनास्थल
बिजनौर जनपद के थाना कोतवाली देहात क्षेत्र के ग्राम करौंदा चौधर में गुरुवार सुबह लगभग 8:30 बजे एक दर्दनाक हादसा हुआ। मोहम्मद कामिल अंसारी का तीन वर्षीय पुत्र शायान घर के सामने सड़क किनारे खेल रहा था, तभी मिट्टी से लदी ट्रैक्टर-ट्रॉली तेज रफ्तार से आई और मासूम को अपनी चपेट में ले लिया।
तेज रफ्तार और लापरवाही का परिणाम
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रैक्टर रोशनपुर प्रताप की ओर से करौंदा पचदू की दिशा में आ रहा था। गांववालों ने ड्राइवर को आवाज दी कि बच्चे के नीचे ट्रैक्टर आ गया है, लेकिन चालक ने ट्रैक्टर नहीं रोका और लगातार आगे बढ़ता रहा। कुछ दूरी पर जाकर उसने ट्रैक्टर रोका और वहां से फरार हो गया।
मृतक शायान की मौके पर ही मौत हो गई, जिससे पूरे गांव में कोहराम मच गया।
पुलिस से कार्रवाई की मांग
पीड़ित पिता मोहम्मद कामिल अंसारी ने थाना कोतवाली देहात में लिखित शिकायत दी है, जिसमें ड्राइवर मिथुन पुत्र हरि सिंह निवासी ग्राम हीमपुर मानक, जिला बिजनौर को दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
उन्होंने मांग की है कि चालक की लापरवाही व तेज गति के चलते हुई इस मौत पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए।
गांव में शोक की लहर
मासूम शायान की मौत से पूरे गांव में माहौल गमगीन है। परिजन बेसुध हैं और ग्रामीण प्रशासन से तत्काल न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
पुलिस जांच जारी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मामला दर्ज कर ट्रैक्टर व चालक की तलाश शुरू कर दी गई है। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। पुलिस का कहना है कि दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
🔹 संपादकीय दृष्टिकोण:
यह घटना केवल एक परिवार के दर्द तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रशासन और परिवहन तंत्र के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है। ग्रामीण सड़कों पर तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्रॉली का चलना कानूनी अपराध है, फिर भी यह आम बात बन चुकी है।
यदि ऐसे हादसों पर तत्काल और सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो लापरवाही की यह संस्कृति मासूमों की जान लेती रहेगी।
“तेज रफ्तार के आगे न कानून टिकता है, न मासूम की ज़िंदगी…”








