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“6 करोड़ की सेंचुरी चोरी का सनसनीखेज खुलासा!”

“6 करोड़ की सेंचुरी चोरी का सनसनीखेज खुलासा!”

बिजनौर पुलिस ने रिश्तों की आड़ में चल रहे अपराधी गैंग का किया पर्दाफाश — महिलाओं समेत 7 गिरफ्तार, मुठभेड़ में एक बदमाश घायल, करोड़ों के जेवरात बरामद

📍 बिजनौर | अवनीश त्यागी की रिपोर्ट
बिजनौर जिले में पुलिस ने नजीबाबाद के चौक बाजार में हुई 6 करोड़ रुपये की ज्वेलरी चोरी का गाजियाबाद और देहरादून तक फैला बड़ा गैंग बेनकाब कर दिया है।
करीब डेढ़ महीने तक चली जांच के बाद पुलिस ने सात आरोपियों को दबोच लिया — जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं।
चौंकाने वाली बात यह कि पूरा गिरोह आपस में रिश्तेदार निकला!

मुख्य आरोपी की मौसी ही इस ‘क्राइम प्लान’ की मास्टरमाइंड बताई जा रही है। पुलिस ने 6 करोड़ से अधिक के सोने-चांदी के जेवरात, नकदी और हथियार बरामद किए हैं।
मुठभेड़ में एक आरोपी शोएब के पैर में गोली लगी है।

27 सितंबर की रात — जब चौक बाजार की नींद उड़ गई

नजीबाबाद के व्यस्त चौक बाजार में योगेश ज्वेलर्स की दुकान उस रात सन्नाटे में डूबी थी।
सुबह व्यापारी योगेश कुमार जब पहुंचे तो नज़ारा देखकर उनके होश उड़ गए —
शटर टूटा था, ताले बिखरे पड़े थे और शोकेस खाली!

करीब 6 करोड़ रुपये मूल्य के सोने-चांदी के जेवरात और नकदी गायब थे।
पूरा बाजार सकते में आ गया।
व्यापारी संघ ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए और चेतावनी दी कि अगर जल्द खुलासा नहीं हुआ तो बाजार बंद कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

पुलिस की जांच — रिश्तों की कड़ी से पहुंची अपराध के अड्डे तक

जांच की जिम्मेदारी एसपी अभिषेक ने खुद ली।
स्वाट, सर्विलांस और कोतवाली टीमों ने मिलकर सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल, मोबाइल लोकेशन और संदिग्ध संपर्कों को खंगाला।
धीरे-धीरे परतें खुलती गईं और कहानी एक परिवार तक जाकर रुक गई।

👉 मुख्य सुराग मिला शोएब नाम के युवक से —
उसकी लोकेशन घटना की रात दुकान के आसपास ट्रेस हुई थी।
पूछताछ में शोएब ने कबूल किया कि उसकी मौसी राबिया और जफर अली ने ही उसे चोरी के लिए उकसाया था।

‘मौसी राबिया’ बनी मास्टरमाइंड – रिश्तों की आड़ में गढ़ा गया सोने का खेल

राबिया और उसका पति जफर अली अक्सर योगेश ज्वेलर्स की दुकान पर बर्तन खरीदने और गहने गिरवी रखने जाया करते थे।
वहीं से उन्हें पता चला कि दुकान में भारी मात्रा में सोना-चांदी और नकदी रखी रहती है।
उन्होंने शोएब और परिवार के अन्य सदस्यों को बताया कि “अगर एक बार यह काम हो जाए तो जिंदगी बन जाएगी।”

फिर क्या था —

  • शोएब ने रावेद, सहाना, आसिया और खुर्शीदा को जोड़ा।
  • सबने छत के रास्ते दुकान में घुसने, ताला तोड़ने और जेवरात उड़ाने की योजना बनाई।
  • चोरी के बाद माल आपस में बांट लिया गया, और कुछ ने हिस्सा बेचने की भी कोशिश की।

यानी, रिश्तों की डोर से बंधे अपराधियों का यह पूरा परिवार, लालच के लिए कानून तोड़ने से नहीं चूका।

बुधवार सुबह का ड्रामा – बिजनौर में मुठभेड़ से टूटी खामोशी

बुधवार की सुबह पुलिस को मुखबिर से खबर मिली कि चोरी में शामिल कुछ आरोपी
बिजनौर-पूरनपुर रोड के पास एक खाली प्लॉट में छिपे हैं और माल लेकर देहरादून भागने की तैयारी में हैं।

एसओजी, स्वाट और सर्विलांस टीमों ने वहां दबिश दी।
जैसे ही पुलिस पहुंची, बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी।
पुलिस की जवाबी कार्रवाई में शोएब पुत्र जफर खान (19) के पैर में गोली लगी।

पुलिस ने मौके से बरामद किया:

  • 1 किलो सोने की ईंट
  • 3 सोने के टुकड़े
  • तमंचा, कारतूस, पासपोर्ट और ₹800 नकद

शोएब को घायल अवस्था में गिरफ्तार कर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

7 गिरफ्तार, एक फरार – पारिवारिक अपराधी गैंग का खुलासा

गिरफ्तार आरोपी:
1️⃣ शोएब पुत्र जफर खान (नजीबाबाद)
2️⃣ राबिया पत्नी जफर अली (मास्टरमाइंड)
3️⃣ जफर अली पुत्र हसमत अली
4️⃣ सहाना पत्नी मोहम्मद सलीम (देहरादून निवासी)
5️⃣ रावेद पुत्र शौकत अली (नजीबाबाद निवासी)
6️⃣ आसिया पत्नी फुरकान (काजीपाड़ा, कोतवाली शहर)
7️⃣ खुर्शीदा पुत्री जफर खान (नजीबाबाद निवासी)

➡️ आठवां आरोपी अब भी फरार है। पुलिस ने उसके संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश जारी रखी है।

एसपी बोले — “ऐतिहासिक चोरी का खुलासा, पुलिस पर बढ़ा जनता का भरोसा”

प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी अभिषेक ने कहा —

“नजीबाबाद की ऐतिहासिक चोरी का पर्दाफाश कर दिया गया है।
सात आरोपी गिरफ्तार हुए हैं और करीब ₹6 करोड़ के जेवरात बरामद किए गए हैं।
मुठभेड़ में एक बदमाश घायल हुआ है। फरार आरोपी की तलाश जारी है।”

🔹 डीजीपी ने खुलासा करने वाली टीम को ₹50,000 का इनाम दिया।
🔹 एसपी ने ₹25,000 का विशेष इनाम घोषित किया।

💬 बाजार में खुशी की लहर – “अब चौक बाजार में लौट आया भरोसा”

इस चोरी से चौक बाजार का हर व्यापारी डरा हुआ था।
पुलिस की इस कार्रवाई ने अब व्यापारियों में राहत की सांस भर दी है।

सर्राफा संघ अध्यक्ष ने कहा:

“हमने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन पुलिस ने जिस तेजी से काम किया, वह काबिले तारीफ है।
इस खुलासे से व्यापारियों का भरोसा पुलिस पर फिर लौटा है।”

स्थानीय लोगों ने कहा —

“ऐसे अपराधियों को सख्त सजा दी जाए, ताकि कोई भी फिर इस तरह का दुस्साहस न करे।”

विश्लेषण: रिश्तों की आड़ में अपराध का नया चेहरा

यह मामला सिर्फ चोरी नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी है।
जब भरोसा और रिश्ते अपराध की जमीन बन जाएं, तब कानून की सख्ती ही एकमात्र जवाब होती है।

📌 मुख्य निष्कर्ष:

  • परिवार आधारित अपराध नेटवर्क बढ़ते जा रहे हैं।
  • स्मार्ट सर्विलांस और तकनीकी जांच ने इस केस को सुलझाया।
  • पुलिस का तेज़ एक्शन जनविश्वास बहाल करने में निर्णायक रहा।

निष्कर्ष: “चोरी का हर सोना अब सलाखों के साए में”

बिजनौर पुलिस का यह खुलासा सिर्फ एक केस नहीं, बल्कि यह संदेश है —
“कानून की पकड़ धीमी हो सकती है, लेकिन अंधी नहीं।”
जो रिश्तों के नाम पर अपराध को पनाह देंगे,
उनकी सोने की चमक भी सलाखों के पीछे मुरझा जाएगी।

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