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मतदाता सूची का विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण — हर पात्र नागरिक को मिलेगा लोकतंत्र का अधिकार

22 साल बाद फिर शुरू हुआ मतदाता सूची का विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण — हर पात्र नागरिक को मिलेगा लोकतंत्र का अधिकार


✍️ बिजनौर ब्यूरो रिपोर्ट | डिजिटल न्यूज़ पोर्टल स्पेशल रिपोर्ट

जिलाधिकारी जसजीत कौर की अध्यक्षता में हुई महत्वपूर्ण बैठक — राजनीतिक दलों को दिया सहयोग का आह्वान

बिजनौर, 30 अक्टूबर 2025 —
लोकतंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में बिजनौर प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। जनपद में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों के ‘विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR)’ की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती जसजीत कौर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में देर रात एक अहम बैठक आयोजित हुई, जिसमें सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
बैठक में जिलाधिकारी ने निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों की विस्तार से जानकारी दी और कहा कि —

“लोकतंत्र की नींव मतदाता सूची है। हमारा उद्देश्य है कि कोई पात्र नागरिक मताधिकार से वंचित न रह जाए और कोई अपात्र नाम सूची में शामिल न हो।”

22 साल बाद दोबारा शुरू हुआ विशेष पुनरीक्षण अभियान

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में इस तरह का विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण आखिरी बार वर्ष 2003 में हुआ था। करीब 22 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद, एक बार फिर से भारत निर्वाचन आयोग ने इस प्रक्रिया को शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं।
इस बार की मतदाता सूची 01 जनवरी 2026 की अहर्ता तिथि पर आधारित होगी, यानी जो भी नागरिक इस तारीख तक 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर लेगा, वह नाम जुड़वा सकता है।

समय-सारिणी घोषित — चरणबद्ध ढंग से होगा काम

जिलाधिकारी ने बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा तय की गई समय-सारिणी के अनुसार कार्य पहले ही प्रारंभ हो चुका है।
जनपद में 28 अक्टूबर 2025 से विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है।

🔹 प्रमुख चरण इस प्रकार हैं —

  • 28 अक्टूबर से 03 नवम्बर 2025: तैयारी, प्रशिक्षण और गणना प्रपत्रों का मुद्रण
  • 04 नवम्बर से 04 दिसम्बर 2025: बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर मतदाता जानकारी एकत्र कर प्रपत्र भरवाना
  • 09 दिसम्बर 2025: आलेख्य मतदाता सूची का प्रकाशन
  • 09 दिसम्बर 2025 से 08 जनवरी 2026: दावे और आपत्तियाँ दाखिल करने की अवधि
  • 09 दिसम्बर 2025 से 31 जनवरी 2026: सुनवाई, सत्यापन और निस्तारण
  • 07 फरवरी 2026: अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन

2980 मतदान केंद्रों पर सटीकता की कसौटी पर परखी जाएगी सूची

डीएम जसजीत कौर ने बताया कि बिजनौर जिले में कुल 2980 मतदेय स्थल (Polling Stations) हैं।
यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता न हों।
इसके लिए बूथों के सत्यापन और पुनर्गठन की प्रक्रिया भी साथ-साथ चलाई जा रही है।

इस अभियान में —

  • 8 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO)
  • 32 सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (AERO)
  • तथा 2980 बूथ लेवल अधिकारी (BLO)
    अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

जिलाधिकारी ने कहा —
“हर बीएलओ को मतदाताओं के घर-घर जाकर फॉर्म भरवाने और जानकारी सत्यापित करने के निर्देश दिए गए हैं। मतदाता सूची को पूरी तरह पारदर्शी बनाना हमारी प्राथमिकता है।”

राजनीतिक दलों से जिलाधिकारी की अपील — “सक्रिय भूमिका निभाएं”

जिलाधिकारी ने बैठक में मौजूद सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे इस पुनरीक्षण प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाएं और अपने-अपने बूथ लेवल एजेंट (BLA) की नियुक्ति कर उसकी सूची जिला निर्वाचन कार्यालय में उपलब्ध कराएं।

बैठक में प्रमुख दलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे —

  • भाजपा से धीर सिंह
  • सपा से जाकिर हुसैन एवं अखलाक पप्पू
  • कांग्रेस से अनिल त्यागी
  • बसपा से मुहम्मद सिद्दीक

इस मौके पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी/एडीएम वित्त एवं राजस्व श्रीमती वान्या सिंह, तहसीलदार बिजनौर और अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।

वान्या सिंह ने कहा —

“बीएलओ को पूरी तरह प्रशिक्षित कर दिया गया है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी पात्र मतदाता का नाम सूची से न छूटे।”

ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में समान जोर

इस बार जिला प्रशासन ने शहरों के साथ-साथ गांवों में भी विशेष जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई है।
ग्राम पंचायत सचिवों, शिक्षकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी इस अभियान में सहयोग के लिए जोड़ा गया है।

“प्रत्येक गांव, प्रत्येक वार्ड तक पहुंचकर हर नागरिक को उसके मताधिकार के प्रति जागरूक किया जाएगा,” — जिलाधिकारी जसजीत कौर।

यह सिर्फ प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, लोकतंत्र की पुनर्स्थापना है

यह विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण केवल एक तकनीकी या प्रशासनिक कवायद नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा को जीवित रखने की पहल है।
हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में शामिल होना, संविधान के प्रति आस्था और लोकतंत्र के प्रति कर्तव्य दोनों का प्रतीक है।

“सही मतदाता सूची ही पारदर्शी चुनाव की पहली शर्त है,”
डीएम जसजीत कौर, बिजनौर

निष्कर्ष: मतदाता सूची शुद्ध होगी तो चुनाव शुद्ध होंगे

बिजनौर प्रशासन का यह अभियान लोकतंत्र की दिशा में एक मजबूत कदम है।
इससे न सिर्फ मतदाता सूची में पारदर्शिता आएगी, बल्कि आम नागरिक का चुनावी प्रक्रिया में विश्वास और भागीदारी भी बढ़ेगी।

📢 आह्वान —

“अगर आप 01 जनवरी 2026 तक 18 वर्ष के हो रहे हैं, तो अपना नाम मतदाता सूची में अवश्य दर्ज करवाएं। आपका वोट ही आपकी आवाज़ है।”

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रिपोर्ट — अवनीश त्यागी | डिजिटल न्यूज़ पोर्टल

 

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