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राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने छह प्रमुख मुद्दों पर उठाई आवाज़ — गुलदार आतंक, गन्ना भुगतान, सहकारी समितियों की मनमानी और मिलावटी मिठाइयों पर जताई नाराज़गी

                 विशेष रिपोर्ट : अवनीश त्यागी

कैलाश सिंह लांबा के नेतृत्व में किसानों की हुंकार: बिजनौर में जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने छह प्रमुख मुद्दों पर उठाई आवाज़ — गुलदार आतंक, गन्ना भुगतान, सहकारी समितियों की मनमानी और मिलावटी मिठाइयों पर जताई नाराज़गी

बिजनौर, 16 अक्तूबर 2025
जनपद बिजनौर में किसानों और मजदूरों की समस्याओं को लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने आज एक बार फिर प्रशासनिक तंत्र को झकझोर दिया।
संगठन के उत्तर प्रदेश महासचिव कैलाश सिंह लांबा के नेतृत्व में किसानों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा, जिसमें जनपद की छह गंभीर समस्याओं पर तत्काल कार्यवाही की मांग की गई।

ज्ञापन कार्यक्रम में संगठन के जिला अध्यक्ष विनोद कुमार उर्फ बिट्टू, मंडल उपाध्यक्ष संजीव चिकारा, तथा संचालनकर्ता संजीव चौधरी सहित कई किसान नेता मौजूद रहे।

कैलाश सिंह लांबा बोले — “किसान अब चुप नहीं रहेगा”

कैलाश सिंह लांबा ने कहा कि किसानों के साथ लगातार अन्याय हो रहा है।

“हमारी मांगे किसानों की जिंदगी से जुड़ी हैं,
और यदि प्रशासन ने इन्हें गंभीरता से नहीं लिया तो आंदोलन ही आखिरी रास्ता रहेगा।”

उन्होंने कहा कि संगठन का लक्ष्य सरकार या प्रशासन को घेरना नहीं बल्कि किसान और मजदूरों की मूलभूत समस्याओं का समाधान कराना है।

🔹 1. गुलदार आतंक से ग्रामीण भयभीत

ज्ञापन में सबसे पहले बिजनौर के जंगल क्षेत्रों और ग्रामीण इलाकों में गुलदार (तेंदुए) के आतंक का मुद्दा उठाया गया।
किसानों ने बताया कि पिछले कई महीनों से गुलदारों के हमले लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में दहशत का माहौल है।

संगठन ने बताया कि वन विभाग के पास अब कोई प्रशिक्षित वैटनरी डॉक्टर नहीं है, क्योंकि पहले तैनात डॉक्टर का ट्रांसफर कर दिया गया।
लांबा ने मांग की कि दो प्रशिक्षित वैटनरी डॉक्टरों को तुरंत वन विभाग में अटैच किया जाए, ताकि गुलदार पकड़ने की कार्रवाई में तेजी लाई जा सके।

🔹 2. सहकारी समितियों द्वारा ब्याज दर में मनमानी

ज्ञापन में बताया गया कि जनपद की सहकारी समितियों द्वारा अब भी 7% ब्याज दर पर ऋण वसूली की जा रही है,
जबकि लखनऊ मुख्यालय के एम.डी. द्वारा इसे फिर से 3% कर दिया गया है।
संगठन ने इसे किसानों के साथ अन्याय बताते हुए इस मनमानी की जांच और जिम्मेदारों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की।

🔹 3. दीपावली से पहले मिलावटी मिठाइयों की जांच में लापरवाही

मुख्यमंत्री के आदेशों के बावजूद, बिजनौर प्रशासन द्वारा दीपावली से पहले मिलावटखोरी पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
संगठन ने कहा कि बाजारों में खुलेआम मिलावटी मावा और नकली घी से बनी मिठाइयाँ बिक रही हैं।

कैलाश सिंह लांबा ने कहा —

“जब मुख्यमंत्री तक जनता की सेहत को लेकर चिंतित हैं,
तो जनपद स्तर के अधिकारी आखिर क्यों चुप हैं? यह जनता की सेहत से खिलवाड़ है।”

🔹 4. शुगर मिलें समय पर चलें, गन्ना भुगतान दीपावली से पहले हो

संगठन ने कहा कि बिजनौर की सभी शुगर मिलें 31 अक्टूबर से पहले शुरू की जाएं,
ताकि किसानों को अपने गन्ने की बिक्री में सुविधा मिले और वे दीपावली से पहले भुगतान प्राप्त कर सकें।

विशेष रूप से बिलाई चीनी मिल पर निशाना साधते हुए कहा गया कि अब तक बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया गया है।
लांबा ने चेतावनी दी —

“यदि दीपावली तक किसानों को उनका हक नहीं मिला तो हम शुगर मिलों के गेट पर धरना देने से पीछे नहीं हटेंगे।”

🔹 5. गन्ना क्रय केंद्रों की प्लेटें बढ़ाई जाएं

ज्ञापन में यह भी कहा गया कि गन्ना क्रय केंद्रों की क्षमता सीमित है,
जिससे किसानों को कई बार पूरी रात ट्रैक्टर-ट्रॉली में लाइन लगाकर इंतजार करना पड़ता है।
संगठन ने मांग की कि क्रय केंद्रों की प्लेटें बढ़ाई जाएं, ताकि खरीद प्रक्रिया तेज़ और पारदर्शी हो सके।

🔹 6. बिजली विभाग द्वारा लाइन शिफ्टिंग चार्ज वसूली पर आपत्ति

किसानों ने कहा कि जब वे अपने खेतों में कोई निर्माण कार्य करते हैं,
तो बिजली विभाग उनसे लाइन शिफ्ट करने का शुल्क वसूलता है।
संगठन ने इसे पूरी तरह अनुचित ठहराते हुए कहा कि यह खर्च विभाग को खुद वहन करना चाहिए,
क्योंकि यह किसानों पर अतिरिक्त बोझ डालने जैसा है।

💬 किसान नेताओं ने दी चेतावनी

जिला अध्यक्ष विनोद कुमार ‘बिट्टू’ ने कहा —

“किसान आज भी कर्ज, बिजली और भुगतान जैसी मूलभूत समस्याओं में उलझा हुआ है।
हम अब आंदोलन की राह पर जाने से नहीं डरेंगे।”

मंडल उपाध्यक्ष संजीव चिकारा और संचालनकर्ता संजीव चौधरी ने कहा कि

“यह सिर्फ बिजनौर नहीं, बल्कि प्रदेशभर के किसानों का दर्द है।
यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो 31 अक्टूबर के बाद जिला मुख्यालय पर महाधरना आयोजित किया जाएगा।”

ज्ञापन प्रशासन के लिए चेतावनी

राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने इस ज्ञापन को “अंतिम चेतावनी” बताते हुए कहा कि
यदि प्रशासन ने गुलदार आतंक, सहकारी समितियों की मनमानी, और गन्ना भुगतान पर त्वरित कार्रवाई नहीं की,
तो दीपावली के बाद बिजनौर में जिला स्तरीय किसान महापंचायत आयोजित की जाएगी।

संपादकीय दृष्टिकोण

कैलाश सिंह लांबा के नेतृत्व में हुआ यह आंदोलन बिजनौर के ग्रामीण समाज की वास्तविक पीड़ा को सामने लाता है।
गुलदार आतंक से लेकर बिजली विभाग की नीतियों तक, यह ज्ञापन दर्शाता है कि किसान आज भी प्रशासनिक उदासीनता से त्रस्त हैं।
यदि सरकार और प्रशासन ने समय रहते हस्तक्षेप नहीं किया, तो यह असंतोष किसान आंदोलन की नई लहर बन सकता है।

🖋️ रिपोर्ट: अवनीश त्यागी
📍स्थान: कलेक्ट्रेट सभागार, बिजनौर
📞 संपर्क: newsroom@targettvlive.com

 

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