बिजनौर में मतदाता गणना प्रपत्रों पर अलर्ट मोड:
“राजनीतिक दल तुरंत सक्रिय हों, वरना हजारों मतदाता सूची से बाहर”— जिलाधिकारी जसजीत कौर
SIR अभियान की रफ्तार बढ़ाने के निर्देश • 11 दिसंबर अंतिम तिथि • फॉर्म नहीं भरे तो वोटर लिस्ट से बाहर होंगे नाम
बिजनौर में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और प्रशासन अब पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी जसजीत कौर ने साफ चेतावनी देते हुए कहा है कि “मतदाता गणना प्रपत्र समय से नहीं भरे गए तो कई नागरिक अपने मताधिकार से वंचित हो जाएंगे।”
शनिवार को कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा विदुर सभागार में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में जिलाधिकारी ने सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों के सामने स्पष्ट संदेश रखा— “बीएलए को तुरंत मैदान में उतारें और हर मतदाता तक पहुंच सुनिश्चित करें।”
क्यों बढ़ी चिंता?
- बड़ी संख्या में मतदाताओं ने अभी तक गणना प्रपत्र (फॉर्म) बीएलओ को नहीं दिए हैं।
- भारत निर्वाचन आयोग की डिजिटाइजेशन की अंतिम तिथि 11 दिसंबर 2024 तय है।
- इसके बाद किसी भी मतदाता का फॉर्म स्वीकृत नहीं किया जाएगा।
- फॉर्म न भरने पर मतदाताओं के नाम नई मतदाता सूची में नहीं आएंगे।
जिलाधिकारी के प्रमुख निर्देश – क्या करना होगा राजनीतिक दलों को?
- अपने बूथ लेवल अभिकर्ताओं (BLA) की तुरंत बैठक करें।
- बीएलए को निर्देशित करें कि वे घर-घर जाकर मतदाताओं की फॉर्म भरने में मदद करें।
- सभी फॉर्म समय से बीएलओ को उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी तय करें।
- SIR को समय सीमा के भीतर 100% पूर्ण करवाने में सहयोग सुनिश्चित करें।
प्रशासन की तैयारियाँ – 11 दिसंबर के बाद बड़ा अभियान
जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को स्पष्ट आदेश दिया:
- 11 दिसंबर के तुरंत बाद बीएलओ व बीएलए की संयुक्त बैठक आयोजित की जाए।
- बैठक की सूचना पूर्व में अनिवार्य रूप से जारी की जाए।
- बैठक में उपस्थिति के लिए सभी के हस्ताक्षर अनिवार्य।
- संपूर्ण प्रक्रिया वीडियोग्राफ कर संरक्षित की जाए।
चेतावनी भी, अपील भी
जिलाधिकारी जसजीत कौर ने आम जनता को भी आगाह किया:
- “11 दिसंबर का इंतज़ार न करें।
अपने और अपने परिवार के सभी सदस्यों के फॉर्म तुरंत बीएलओ को दें।”
उन्होंने बताया कि फॉर्म जमा न करने पर मतदाता अगली वोटर लिस्ट से बाहर हो जाएंगे और उनका मतदान अधिकार स्वतः समाप्त हो जाएगा।
जिला प्रशासन को किन दलों ने दिया संदेश?
बैठक में प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे:
- समाजवादी पार्टी – अखलाक पप्पू
- बहुजन समाज पार्टी – मुहम्मद सिद्दीक
- कांग्रेस – अनिल त्यागी
- प्रशासन से – एडीएम वित्त एवं राजस्व वान्या सिंह, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी प्रमोद कुमार
विश्लेषण: SIR का यह चरण क्यों है बेहद महत्वपूर्ण?
SIR यानी Special Intensive Revision मतदाता सूची की विश्वसनीयता का सबसे अहम चरण माना जाता है।
- इसमें नए वोटरों को शामिल करने से लेकर मृत, स्थानांतरित या दोहरे नाम हटाने तक की प्रक्रिया शामिल होती है।
- गणना प्रपत्रों के माध्यम से यह तय होता है कि कौन से मतदाता सूची में रहेंगे और कौन हटेगा।
- यदि राजनीतिक दल सक्रिय नहीं हुए तो बड़ी संख्या में नागरिक मतदाता सूची से गायब हो सकते हैं, जिसका सीधा असर आगामी चुनावों की पारदर्शिता पर पड़ेगा।
निष्कर्ष: ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’
बिजनौर प्रशासन की इस बैठक का संदेश बेहद सीधा है—
“समय बहुत कम है, मतदाताओं तक पहुँच बहुत जरूरी है।”
राजनीतिक दलों की सक्रियता ही अब तय करेगी कि
बिजनौर की मतदाता सूची मजबूत बनेगी या कमजोर।













