किसानों के हित में जिला कृषि अधिकारी की बड़ी कार्रवाई — अब नहीं चलेगा मनमाना खेल!
बीज गोदामों में पारदर्शिता, अनुशासन और जवाबदेही पर सख्त निगरानी — आदेश जारी, उल्लंघन पर होगी तत्काल कार्यवाही
बिजनौर से ब्रेकिंग अपडेट — “किसान हित सर्वोपरि” की नीति पर जिला कृषि अधिकारी का कड़ा रुख!
रिपोर्ट । अवनीश त्यागी
बिजनौर, 10 नवम्बर 2025 —
जनपद बिजनौर में कृषि निवेश वितरण व्यवस्था को लेकर जिला कृषि अधिकारी ने बड़ा कदम उठाया है।
किसानों की शिकायतों और अनियमितताओं की खबरों के बाद अब कृषि विभाग ने सख्ती का मूड बना लिया है।
जसवीर सिंह तेवतिया ,जिला कृषि अधिकारी बिजनौर द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों में साफ कहा गया है कि —
“किसानों से एक रुपया भी निर्धारित दर से अधिक नहीं लिया जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।”
“किसान के हक पर डाका नहीं, पारदर्शिता ही पहचान” — पांच सूत्रीय निर्देश जारी
जारी आदेश में कृषि निवेश वितरण व्यवस्था को पारदर्शी और जनहितैषी बनाने के लिए पांच प्रमुख बिंदु तय किए गए हैं—
🔹 1️⃣ अनुदान दर से अधिक राशि लेने पर गिरेगी गाज
अब प्रत्येक किसान को बीज, उर्वरक और कीटनाशक जैसे कृषि निवेश केवल शासन द्वारा निर्धारित अनुदान दर पर ही मिलेंगे।
कोई भी गोदाम प्रभारी अगर अतिरिक्त धनराशि वसूलते पाया गया,
तो उसके विरुद्ध तुरंत निलंबन या विभागीय जांच की कार्रवाई की जाएगी।
“किसान को राहत मिले, रिश्वत या दबाव नहीं — यही असली लक्ष्य है।”
🔹 2️⃣ हर गोदाम पर लगेगा पारदर्शिता का बैनर
अब कोई गोदाम “बंद” या “अनजान दरों” का बहाना नहीं बना पाएगा।
जिला कृषि अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि—
हर गोदाम पर वितरण का समय, दिनांक, और दरें बड़े अक्षरों में लिखे बैनर पर प्रदर्शित की जाएं।
ताकि किसान सीधे जानकारी ले सके और किसी भी भ्रम या ठगी का शिकार न हो।
🔹 3️⃣ रजिस्टर में होगा हर किसान का पूरा ब्यौरा
कृषि विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि अब हर वितरण का अभिलेख रजिस्टर में दर्ज होगा।
रजिस्टर में किसान का नाम, पिता का नाम, मोबाइल नंबर, ग्राम और खसरा नंबर अंकित किया जाएगा।
निरीक्षण के दौरान यह रजिस्टर तुरंत उपलब्ध कराया जाएगा —
“छिपाने या मिटाने का कोई मौका नहीं रहेगा।”
🔹 4️⃣ शिकायत पर ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति लागू
किसान यदि शिकायत करता है कि किसी गोदाम पर निर्धारित दर से अधिक पैसे लिए जा रहे हैं,
तो उस गोदाम के प्रभारी पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
कृषि अधिकारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि—
“ऐसी हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा, दोषी को कोई राहत नहीं मिलेगी।”
🔹 5️⃣ किसान हित सर्वोपरि — यही है असली नीति
आदेश में भावनात्मक लेकिन दृढ़ शब्दों में कहा गया है कि
शासन की हर योजना का केंद्र किसान है, और
किसानों की संतुष्टि ही विभाग की साख है।
इसलिए प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को
“कर्तव्य नहीं, सेवा” समझकर निभाएं।
कृषि विभाग की साख बचाने की जंग — जवाबदेही की नई मिसाल
यह आदेश उस समय आया है जब किसानों में अनुदान वितरण को लेकर असंतोष और भ्रम बढ़ रहा था।
जिला कृषि अधिकारी का यह कदम न केवल अनुशासन का संदेश है,
बल्कि किसानों के विश्वास को मजबूत करने की दिशा में ठोस पहल भी है।
“किसानों का विश्वास ही हमारी पूंजी है। इसे हर हाल में कायम रखना है।”
— जिला कृषि अधिकारी, बिजनौर
💬 विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण — क्यों यह आदेश है ऐतिहासिक?
- यह आदेश “फील्ड लेवल पारदर्शिता” को अनिवार्य बनाता है।
- पहली बार प्रत्येक गोदाम पर दर सूची और वितरण समय सार्वजनिक करने का निर्देश दिया गया है।
- इससे दलाल संस्कृति और अतिरिक्त वसूली पर लगाम लगेगी।
- किसानों में विभाग के प्रति विश्वास और पारदर्शिता की भावना बढ़ेगी।
- यह कदम बिजनौर मॉडल के रूप में राज्यभर में लागू करने योग्य उदाहरण बन सकता है।
निष्कर्ष: किसान सम्मान अब केवल नारा नहीं, प्रशासनिक संकल्प बन चुका है!
बिजनौर कृषि विभाग का यह कदम साफ संदेश देता है —
“किसानों के साथ छल, अनियमितता या भ्रष्टाचार अब नहीं चलेगा।”
अब हर बीज गोदाम पर जवाबदेही की मुहर और हर अधिकारी पर निगरानी की नजर होगी।
यह सिर्फ एक आदेश नहीं, बल्कि किसानों के प्रति ईमानदार प्रशासनिक प्रतिबद्धता का ऐलान है।








