हार्टफुलनेस निबंध प्रतियोगिता: बागपत के 120 विद्यार्थियों ने बढ़ाया भारत का मान
ध्यान अभ्यास, लेखन कौशल और जीवन प्रबंधन पर मिला अनूठा मार्गदर्शन
बागपत, 11 सितंबर 2025।
श्री नेहरू इंटर कॉलेज, पिलाना में गुरुवार को आयोजित हार्टफुलनेस संस्थान के युवा समागम ने विद्यार्थियों को सिर्फ एक प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर ही नहीं दिया, बल्कि उन्हें जीवन की चुनौतियों से निपटने के व्यावहारिक सूत्र भी सिखाए। कॉमनवेल्थ और हार्टफुलनेस के संयुक्त तत्वावधान में चल रही इस अंतर्राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता में 120 छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
प्रमुख हाइलाइट्स
- 120 विद्यार्थियों ने अंतर्राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।
- ध्यान अभ्यास कराया गया, जिससे छात्रों को एकाग्रता व तनाव प्रबंधन सीखने का अवसर मिला।
- प्रशिक्षक पारितोष मित्तल व योगेंद्र कुशवाहा ने प्रतियोगिता की रूपरेखा व अध्ययन टिप्स साझा किए।
- प्राचार्य डॉ. सत्यवीर सिंह ने ध्यान को जीवन की प्रगति का मार्ग बताया।
- अमन कुमार (उड़ान यूथ क्लब अध्यक्ष) ने छात्रों को सामाजिक सरोकारों से जुड़ने का आह्वान किया।
- नीतीश भारद्वाज (माय भारत स्वयंसेवक) ने युवाओं को सतत सीखने की प्रेरणा दी।
शिक्षा के साथ ध्यान का संगम
हार्टफुलनेस प्रशिक्षकों ने बताया कि प्रतियोगिता सिर्फ निबंध लेखन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह युवाओं को आत्म-अभिव्यक्ति, सृजनात्मक सोच और वैश्विक दृष्टिकोण का मंच प्रदान करती है। ध्यान और आत्मअनुशासन के अभ्यास को उन्होंने सफलता की कुंजी बताया।
विद्यालय की सोच: शिक्षा + व्यक्तित्व विकास
प्रधानाचार्य डॉ. सत्यवीर सिंह ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर की इस प्रतियोगिता में भागीदारी से विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। उन्होंने ध्यान के महत्व पर बल देते हुए कहा कि “यह केवल पढ़ाई में नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में प्रगति की राह प्रशस्त करता है।”
युवाओं के लिए प्रेरक संदेश
- अमन कुमार ने युवाओं को समाचार पत्रों और स्थानीय मुद्दों से जुड़कर समाज में सक्रिय भूमिका निभाने की सलाह दी।
- नीतीश भारद्वाज ने ‘हर दिन कुछ नया सीखो’ का मंत्र दिया, जो व्यक्तिगत और सामाजिक प्रगति दोनों के लिए आवश्यक है।
विश्लेषण: क्यों अहम है यह पहल?
आज के प्रतिस्पर्धी दौर में युवाओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती है एकाग्रता बनाए रखना, तनाव प्रबंधन और आत्मविश्वास विकसित करना। हार्टफुलनेस संस्थान का यह कार्यक्रम न केवल शैक्षिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देता है, बल्कि युवाओं को जीवन प्रबंधन और सामाजिक जिम्मेदारी की दिशा में भी प्रेरित करता है।
बागपत के विद्यार्थियों ने इस प्रतियोगिता में भाग लेकर साबित किया कि भारतीय युवा सृजनात्मक लेखन, आत्मचिंतन और सकारात्मक बदलाव की शक्ति रखते हैं। यदि ध्यान, अनुशासन और सतत सीखने को जीवन में अपनाया जाए तो यह नई पीढ़ी शिक्षा ही नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की भी मजबूत नींव बन सकती है।
👉 क्लिक करें: हार्टफुलनेस निबंध प्रतियोगिता के बारे में और जानें



