बैंकों की सुस्ती पर भड़कीं DM, ऋण वितरण में लापरवाही पर सख्ती के निर्देश
बिजनौर, 11 सितंबर।
जिलाधिकारी जसजीत कौर ने बैंकों की सुस्ती पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना सहित रोजगारपरक योजनाओं में अपेक्षित सहयोग न करने वाले बैंक शाखा प्रबंधकों को जिले में नहीं रहने दिया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 30 सितंबर तक प्रत्येक बैंक द्वारा कम से कम दो लाभार्थियों को ऋण वितरित नहीं किया गया तो संबंधित शाखाओं के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा विदुर सभागार में डीएलआरसी एवं डीसीसी की चतुर्थ त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि गरीबों एवं युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है, ऐसे में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
लक्ष्य के मुकाबले पिछड़े बैंक
समीक्षा में पाया गया कि इंडियन बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा सहित छह शाखाओं ने ऋण जमा अनुपात (CD Ratio) में राष्ट्रीय लक्ष्य 60% के सापेक्ष 40% से भी कम प्रगति की है। इस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताते हुए अग्रणी बैंक प्रबंधक को संबंधित शाखा प्रबंधकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना की प्रगति
- वित्तीय वर्ष 2025-26 में जिले को 1700 आवेदनों का लक्ष्य मिला।
- अब तक 1786 आवेदन बैंकों को भेजे गए।
- इनमें से 548 आवेदन स्वीकृत, 509 पर ऋण वितरण, 607 स्वीकृति के लिए लंबित।
- 903 आवेदन निरस्त, जबकि 140 ऋण वितरण की प्रतीक्षा में।
- योजना के अंतर्गत 439 खातों में ₹197.62 लाख मार्जिन मनी क्लेम भी किया गया।
अन्य योजनाओं की स्थिति
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना: अप्रैल से जून 2025 तक 13,065 लाभार्थियों को ₹193.86 करोड़ स्वीकृत, ₹191.70 करोड़ वितरित।
- महिला लक्ष्य: 5% के लक्ष्य के मुकाबले 19% प्रगति।
- अल्पसंख्यक ऋण वितरण: 15% के लक्ष्य के सापेक्ष 18% उपलब्धि।
- प्राथमिकता क्षेत्र अग्रिम: राष्ट्रीय लक्ष्य 40% के मुकाबले 70% प्रगति।
वार्षिक ऋण योजना की स्थिति
जून 2025 तक प्राथमिकता क्षेत्र में वार्षिक लक्ष्य ₹10,010.59 करोड़ के सापेक्ष केवल ₹2850.65 करोड़ (28.47%) की उपलब्धि दर्ज हुई।
- व्यवसायिक बैंक – 23.52%
- ग्रामीण बैंक – 22.29%
- सहकारी बैंक – 70.19%
जिलाधिकारी का सख्त संदेश
श्रीमती कौर ने कहा कि बैंकर्स सरकार की रोजगार योजनाओं को गंभीरता से लें और लंबित प्रकरणों का गुणवत्तापरक निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सीमावर्ती ग्रामों में आबादी के अनुसार प्राथमिकता से बैंक शाखाओं अथवा आउटलेट्स की स्थापना हो, ताकि ग्रामीण जनता भी योजनाओं का लाभ उठा सके।
बैठक में अग्रणी बैंक प्रबंधक अखिल कुमार सिंह, डीडीएम नाबार्ड, खादी ग्रामोद्योग तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।



