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नजीबाबाद चीनी मिल की कार्यप्रणाली पर DM की सख्त नजर

नजीबाबाद चीनी मिल की कार्यप्रणाली पर DM की सख्त नजर
BIJNOR. किसान सहकारी चीनी मिल, नजीबाबाद में प्रशासनिक सख्ती बढ़ती नजर आ रही है। कल, 03 फरवरी 2025 को DM जसजीत कौर की अध्यक्षता में आयोजित प्रबंध समिति की बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें उत्पादन लक्ष्य, डिस्टिलरी जल निकासी और कर्मचारियों की समस्याएं प्रमुख रहीं। बैठक के उपरांत जिलाधिकारी ने मिल का विस्तृत निरीक्षण भी किया और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
डिस्टिलरी जल निकासी पर सख्त रुख

चीनी मिल से निकलने वाला डिस्टिलरी का पानी किसानों के खेतों में जा रहा था, जिससे फसलें प्रभावित हो रही थीं। इस पर जिलाधिकारी ने कड़ा रुख अपनाते हुए निर्देश दिए कि जल निकासी की समस्या को शीघ्र सुलझाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी किसान इसकी वजह से नुकसान न उठाए। यह निर्देश स्पष्ट संकेत देता है कि प्रशासन अब पर्यावरणीय और कृषि हितों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं करेगा।

गन्ने की रिकवरी दर में सुधार की आवश्यकता

गन्ने की रिकवरी दर चीनी मिलों की कार्यक्षमता का प्रमुख मानक होती है। बैठक में DM ने प्रबंध समिति और मिल प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने को कहा। यह निर्देश मिल के आर्थिक और तकनीकी स्वास्थ्य को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि उच्च रिकवरी दर सीधे किसानों और मिल की आय को प्रभावित करती है।

कर्मचारियों और विस्तार योजनाओं पर चर्चा

बैठक के दौरान प्रबंध समिति के निदेशकों ने चीनी मिल के विस्तारीकरण और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। इन विषयों पर जिलाधिकारी ने नियमों के अनुरूप समाधान का आश्वासन दिया। यह पहल मिल के दीर्घकालिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होगी, जिससे उत्पादन क्षमता और कर्मचारियों की स्थिरता दोनों सुनिश्चित की जा सकेगी।

निरीक्षण के दौरान प्रशासनिक हस्तक्षेप

बैठक के बाद DM जसजीत कौर ने प्रधान प्रबंधक सुखवीर सिंह के साथ मिल का भ्रमण किया और विभिन्न तकनीकी व प्रशासनिक पहलुओं की समीक्षा की। उनके इस निरीक्षण को प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे मिल की दक्षता और किसानों को होने वाले लाभ में वृद्धि की संभावना है।

भविष्य की दिशा

इस बैठक और निरीक्षण से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन अब चीनी मिलों के संचालन पर अधिक सक्रिय भूमिका निभा रहा है। पर्यावरणीय चिंताओं, उत्पादन लक्ष्य और कर्मचारियों की समस्याओं पर जिलाधिकारी की सख्ती यह दर्शाती है कि अब किसी भी स्तर पर लापरवाही को स्वीकार नहीं किया जाएगा। आने वाले समय में देखना होगा कि चीनी मिल प्रशासन इन निर्देशों को कितनी प्रभावी तरीके से लागू करता है और इसका किसानों एवं स्थानीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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