लखनऊ ब्रेकिंग | अब अस्पतालों में ‘फिंगरप्रिंट’ से हाजिरी, बिना बायोमैट्रिक सैलरी नहीं
प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य का सख्त आदेश
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में अनुशासन और पारदर्शिता लाने के लिए बड़ा और सख्त फैसला लिया है। प्रदेश के समस्त सरकारी अस्पतालों—जिला चिकित्सालय, महिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी)—में अब बायोमैट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दी गई है।
👉 बिना बायोमैट्रिक उपस्थिति के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का वेतन भुगतान नहीं होगा।
इस संबंध में महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य द्वारा स्पष्ट और कड़े निर्देश जारी कर दिए गए हैं, जिन्हें तत्काल प्रभाव से लागू करने के आदेश दिए गए हैं।
कहां-कहां लागू होगा आदेश?
- जिला चिकित्सालय
- महिला चिकित्सालय
- सीएचसी (Community Health Centre)
- पीएचसी (Primary Health Centre)
- सभी संविदा एवं नियमित स्वास्थ्य कर्मी भी दायरे में
क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला? (विश्लेषण)
स्वास्थ्य विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि—
- कई अस्पतालों में ड्यूटी में लापरवाही
- डॉक्टरों और कर्मचारियों की अनियमित उपस्थिति
- मरीजों को समय पर उचित उपचार नहीं मिल पा रहा
सरकार का मानना है कि बायोमैट्रिक व्यवस्था से—
✔ फर्जी हाजिरी पर रोक लगेगी
✔ कार्यस्थल पर मौजूदगी सुनिश्चित होगी
✔ मरीजों को समय पर डॉक्टर और स्टाफ उपलब्ध होगा
✔ स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा
सैलरी से जुड़ा सीधा नियम
👉 अब केवल वही अधिकारी और कर्मचारी वेतन पाएंगे,
जो नियमित रूप से बायोमैट्रिक सिस्टम में उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
👉 किसी भी प्रकार की ढील या मौखिक उपस्थिति को मान्य नहीं माना जाएगा।
निर्देशों की अनदेखी पर क्या होगा?
- वेतन रोका जाएगा
- संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय होगी
- उच्च अधिकारियों द्वारा सख्त कार्रवाई संभव
स्वास्थ्य व्यवस्था पर असर
इस फैसले को लेकर प्रशासनिक गलियारों में हलचल तेज है। जहां एक ओर सरकार इसे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में ऐतिहासिक कदम बता रही है, वहीं कुछ कर्मचारियों में इसे लेकर चिंता भी देखी जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह व्यवस्था सख्ती और निष्पक्षता से लागू होती है, तो ग्रामीण और शहरी—दोनों क्षेत्रों में मरीजों को बड़ा लाभ मिलेगा।
निष्कर्ष
प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में अनुशासन लाने के लिए यह आदेश गेमचेंजर साबित हो सकता है। अब अस्पतालों में ड्यूटी से गायब रहना आसान नहीं होगा—क्योंकि हाजिरी होगी फिंगरप्रिंट से और सैलरी उसी से जुड़ेगी।
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