लखनऊ | बड़ी प्रशासनिक नियुक्ति
चार बार राष्ट्रपति पदक विजेता अफसर अब संभालेंगे यूपी की शिक्षक भर्ती
अनुभव, अनुशासन और पारदर्शिता पर योगी सरकार का बड़ा दांव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रशासनिक अनुभव और निर्णायक नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार को एक अहम जिम्मेदारी सौंपी है। 1990 बैच के रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा।
यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब प्रदेश में शिक्षक भर्ती प्रक्रियाओं को लेकर पारदर्शिता, समयबद्धता और विश्वास बहाली सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल हैं।
रिटायरमेंट के बाद बड़ी भूमिका, चर्चाओं पर लगी मुहर
पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार इसी वर्ष मई 2025 में सेवानिवृत्त हुए थे। रिटायरमेंट के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें किसी संवैधानिक अथवा चयन आयोग में महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी जाएगी। अब शिक्षा सेवा चयन आयोग की कमान देकर सरकार ने इन चर्चाओं पर विराम लगा दिया है।
प्रशांत कुमार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अत्यंत भरोसेमंद और करीबी अधिकारी माना जाता है, जिन्हें सरकार ने कानून-व्यवस्था के सबसे चुनौतीपूर्ण दौर में अहम जिम्मेदारियां दी थीं।
चार बार राष्ट्रपति पुलिस पदक: अदम्य साहस की पहचान
प्रशांत कुमार की पहचान केवल एक सख्त प्रशासक के रूप में ही नहीं, बल्कि एक अदम्य साहसी और उत्कृष्ट नेतृत्वकर्ता के रूप में भी रही है। उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें लगातार चार वर्षों—2020, 2021, 2022 और 2023 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।
यह उपलब्धि उन्हें देश के उन चुनिंदा पुलिस अधिकारियों की श्रेणी में शामिल करती है, जिन्हें चार बार यह प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ है। यह उनके समर्पण, नेतृत्व क्षमता और असाधारण सेवाओं का प्रमाण माना जाता है।
माफिया विरोधी छवि और सख्त फैसलों के लिए चर्चित
बिहार के सीवान जिले के मूल निवासी प्रशांत कुमार यूपी पुलिस के सबसे प्रभावशाली अधिकारियों में गिने जाते रहे हैं। उन्हें एक तेज-तर्रार, निर्णयात्मक और माफिया विरोधी अधिकारी के रूप में जाना जाता है।
➡️ उनके कार्यकाल में
- 300 से अधिक एनकाउंटर
- कई कुख्यात अपराधियों का खात्मा
- संगठित अपराध के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई
जैसी बड़ी उपलब्धियां दर्ज हैं।
कौन हैं IPS पूर्व प्रशांत कुमार | प्रशासनिक प्रोफाइल
प्रशांत कुमार अपने लंबे सेवाकाल में कई अहम पदों पर तैनात रहे—
- एडीजी, मेरठ जोन
- डीजी, कानून-व्यवस्था
- डीजी, आर्थिक अपराध शाखा (EOW)
रणनीतिक सोच, त्वरित निर्णय और सख्त प्रशासनिक नियंत्रण के कारण उनकी गिनती प्रदेश के सबसे प्रभावशाली पुलिस अधिकारियों में होती रही है।
उच्च शिक्षा से सशक्त प्रशासनिक सोच
प्रशांत कुमार उन चुनिंदा अधिकारियों में शामिल हैं, जिन्होंने सेवा के साथ-साथ उच्च शिक्षा को भी प्राथमिकता दी—
शैक्षणिक उपलब्धियां:
- एमएससी (एप्लाइड जूलॉजी)
- एमबीए (डिजास्टर मैनेजमेंट)
- एमफिल (डिफेंस एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज)
इन डिग्रियों से उनकी वैज्ञानिक दृष्टि, रणनीतिक समझ और प्रशासनिक दक्षता का परिचय मिलता है।
शिक्षक भर्ती में आएगा सख्त अनुशासन?
इस नियुक्ति के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि—
- यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग में पारदर्शिता बढ़ेगी
- भर्तियों में देरी और अनियमितताओं पर लगाम लगेगी
- चयन प्रक्रिया समयबद्ध और जवाबदेह बनेगी
विशेषज्ञों का मानना है कि प्रशांत कुमार की सख्त कार्यशैली और प्रशासनिक अनुभव का सीधा असर शिक्षा विभाग की चयन प्रक्रिया पर देखने को मिल सकता है।
चार बार राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार को यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष बनाना, योगी सरकार की अनुशासन, पारदर्शिता और मजबूत प्रशासन की नीति को दर्शाता है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कानून-व्यवस्था में कठोरता दिखाने वाले प्रशांत कुमार शिक्षा भर्ती व्यवस्था को किस नई दिशा में ले जाते हैं।










