रबी की फसल के लिए राहत की खबर: बिजनौर में यूरिया की भरपूर उपलब्धता, कालाबाजारी पर प्रशासन सख्त
📌 टॉप ड्रेसिंग के दौर में किसानों को भरोसा, टैगिंग–ओवररेटिंग पर ‘जीरो टॉलरेंस’
बिजनौर।
रबी सीजन में गेहूं सहित अन्य प्रमुख फसलों की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है और अब टॉप ड्रेसिंग का अहम चरण शुरू हो गया है। ऐसे समय में यूरिया की उपलब्धता को लेकर किसानों के बीच अक्सर चिंता बनी रहती है, लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि यूरिया की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी और कालाबाजारी व जबरन टैगिंग करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
जिला कृषि अधिकारी जसवीर सिंह ने बताया कि जनपद को रबी सीजन के लिए निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 15 दिसंबर तक 41,415 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति की गई है, जिसमें से अब तक 12,331 मीट्रिक टन यूरिया का वितरण सहकारी समितियों और निजी विक्रेताओं के माध्यम से किया जा चुका है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस समय जिले में 16,638 मीट्रिक टन यूरिया का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है और आवश्यकता के अनुसार लगातार आपूर्ति कराई जा रही है।
टैगिंग और ओवररेटिंग पर प्रशासन का सख्त रुख
किसानों के शोषण की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिला कृषि अधिकारी ने सभी गोदाम प्रभारियों और उर्वरक विक्रेताओं को कड़े निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि—
- यूरिया या अन्य उर्वरकों के साथ किसी भी प्रकार की जबरन टैगिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
- निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर बिक्री पूर्णतः प्रतिबंधित है।
- उर्वरक की बिक्री केवल किसानों की खतौनी, जोत/बही और बोई गई फसल की वैज्ञानिक संस्तुति के आधार पर ही की जाएगी।
यदि कोई विक्रेता इन नियमों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर वैधानिक एवं दण्डात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
किसानों के लिए जरूरी सलाह
जिला कृषि अधिकारी ने किसानों से भी सतर्क रहने की अपील की है। उर्वरक खरीदते समय किसान—
- आधार कार्ड साथ लेकर जाएं,
- पीओएस मशीन पर पहचान सत्यापित कराएं,
- और पीओएस मशीन से जारी रसीद अवश्य प्राप्त करें।
यदि कहीं भी अधिक मूल्य वसूली या टैगिंग की शिकायत हो तो किसान बिना झिझक इसकी लिखित सूचना जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में दें या सीधे व्हाट्सएप नंबर 9161889022 पर शिकायत दर्ज कराएं। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि शिकायत मिलते ही दोषी विक्रेता पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
रबी सीजन के निर्णायक समय में जिला प्रशासन की यह सक्रियता किसानों के लिए राहत भरी खबर है। पर्याप्त यूरिया स्टॉक, पारदर्शी वितरण व्यवस्था और सख्त निगरानी से यह साफ है कि इस बार किसानों को खाद के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, और कालाबाजारी करने वालों के लिए जिले में कोई जगह नहीं होगी।










