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बाल श्रम पर प्रशासन का बड़ा एक्शन प्लान, सीडीओ ने दिए छापेमारी और सख्त कार्रवाई के निर्देश

बाल श्रम पर प्रशासन का बड़ा एक्शन प्लान, सीडीओ ने दिए छापेमारी और सख्त कार्रवाई के निर्देश

बिजनौर में श्रमिक कल्याण और कानून के सख्त पालन का ऐलान, अपात्र श्रमिकों पर गिरेगी गाज
बिजनौर | 15 दिसंबर 2025 | डिजिटल डेस्क
जनपद बिजनौर में बाल श्रम के खिलाफ प्रशासन अब पूरी तरह एक्शन मोड में आ गया है। मुख्य विकास अधिकारी रणविजय सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि जिले में कहीं भी बाल श्रम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने श्रम विभाग को ढाबों, कारखानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और औद्योगिक इकाइयों में औचक निरीक्षण और छापेमारी तेज करने के निर्देश दिए हैं।

यह निर्देश सोमवार शाम कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा विदुर सभागार में आयोजित जिला श्रम बंधु समिति की बैठक के दौरान दिए गए, जहां श्रमिकों के हित में संचालित योजनाओं की समीक्षा की गई।

श्रमिक योजनाओं का होगा व्यापक प्रचार, हर पात्र श्रमिक तक पहुंचेगा लाभ

सीडीओ रणविजय सिंह ने कहा कि शासन द्वारा श्रमिकों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी अंतिम व्यक्ति तक पहुंचनी चाहिए। इसके लिए सहायक श्रम आयुक्त को निर्देश दिए गए कि सभी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि कोई भी पात्र श्रमिक लाभ से वंचित न रह जाए।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मजदूरों को मिलने वाले आर्थिक लाभों का शत-प्रतिशत वितरण सुनिश्चित किया जाए और इसके लिए नियोजकों से नियमित संवाद बनाए रखा जाए।

ढाबों से फैक्ट्रियों तक छापेमारी, बाल श्रमिकों का होगा रेस्क्यू और पुनर्वासन

बैठक में सीडीओ ने दो टूक कहा कि यदि किसी भी प्रतिष्ठान में बाल श्रमिक पाया गया तो न केवल उसका तत्काल रेस्क्यू किया जाएगा, बल्कि उसका पुनर्वासन भी सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही संबंधित नियोक्ता के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने निर्देश दिए कि श्रम विभाग, बाल कल्याण समिति और अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय बनाकर अभियान को प्रभावी बनाया जाए।

अपात्र श्रमिकों पर कसेगा शिकंजा, सूची से तुरंत हटेंगे नाम

सीडीओ ने पंजीकृत श्रमिकों की सूची की नियमित और गहन जांच के निर्देश देते हुए कहा कि यदि कोई श्रमिक अपात्र पाया जाता है तो उसका नाम तत्काल सूची से हटाया जाए। उन्होंने इसे पारदर्शिता और योजनाओं के सही क्रियान्वयन के लिए जरूरी बताया।

बाल श्रम कानून तोड़ा तो जेल और जुर्माना तय

मुख्य विकास अधिकारी ने बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम की सख्त धाराओं की जानकारी देते हुए बताया कि:

  • धारा-3 का उल्लंघन करने पर
    👉 न्यूनतम 6 माह से 2 वर्ष तक की सजा
    👉 ₹20,000 से ₹50,000 तक जुर्माना
    👉 या दोनों हो सकते हैं
  • पहले से दोषी नियोक्ता को
    👉 1 से 3 वर्ष तक की कैद
  • खतरनाक उद्योगों में किशोर श्रमिक नियुक्त करने पर
    👉 ₹10,000 जमा कराने का प्रावधान

अभिभावक, स्कूल और उद्योग भी होंगे जागरूक

सीडीओ रणविजय सिंह ने निर्देश दिए कि आमजन, अभिभावकों, विद्यालयों और औद्योगिक इकाइयों को बाल श्रम के दुष्परिणामों और कानूनी प्रावधानों के प्रति जागरूक किया जाए, ताकि समाज मिलकर इस सामाजिक अपराध को जड़ से खत्म कर सके।

👉 डिजिटल एक्सक्लूसिव निष्कर्ष

बिजनौर प्रशासन का यह सख्त रुख साफ संकेत देता है कि अब बाल श्रम करने और कराने वालों के लिए कोई राहत नहीं होगी। योजनाओं का लाभ पात्र तक और कानून की मार दोषियों तक—यही प्रशासन की प्राथमिकता है।

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