हल्दौर से हरित क्रांति की नई दस्तक: रबी कृषि निवेश मेले में किसानों को मिला उन्नत खेती का रोडमैप
प्राकृतिक-जैविक खेती, वैज्ञानिक गेहूं उत्पादन और पशुपालन पर विशेषज्ञों का फोकस
हल्दौर (बिजनौर)।
खेती को लाभकारी, टिकाऊ और स्वास्थ्य-अनुकूल बनाने की दिशा में विकासखंड हल्दौर में आयोजित रबी कृषि निवेश मेला किसानों के लिए एक निर्णायक मंच बनकर उभरा। कृषि विभाग के इस भव्य आयोजन में न केवल रबी फसलों की उन्नत तकनीकों पर चर्चा हुई, बल्कि प्राकृतिक और जैविक खेती को भविष्य की जरूरत बताते हुए किसानों को एक स्पष्ट कृषि रोडमैप भी दिया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्र पंचायत प्रमुख बिजेंद्र सिंह ने की, जबकि कुणाल रस्तोगी (आईएएस) एवं जिला कृषि अधिकारी की गरिमामयी उपस्थिति ने मेले को प्रशासनिक और तकनीकी मजबूती प्रदान की।
खेती का बदला हुआ नजरिया: रसायन से समाधान तक
जिला कृषि अधिकारी श्री जसवीर सिंह तेवतिया ने अपने संबोधन में स्पष्ट कहा कि रसायन-आधारित खेती ने उत्पादन तो बढ़ाया, लेकिन अब समय है प्राकृतिक और जैविक खेती की ओर लौटने का। उन्होंने बताया कि
- प्राकृतिक खेती से मिट्टी की सेहत सुधरती है,
- उत्पादन की लागत घटती है,
- और मानव स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
उनके अनुसार किसान यदि वैज्ञानिक तरीकों को अपनाते हैं तो कम संसाधनों में अधिक लाभ संभव है।
विशेषज्ञों की सलाह: खेत से स्वास्थ्य तक समग्र सोच
मेले में विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों ने किसानों को समग्र कृषि मॉडल की जानकारी दी—
🌱 जैविक खेती का भविष्य
मुख्य वक्ता योगेंद्रपाल सिंह योगी ने जैविक खेती को दीर्घकालिक निवेश बताते हुए कहा कि यह न केवल पर्यावरण-अनुकूल है, बल्कि बाजार में जैविक उत्पादों की बढ़ती मांग किसानों के लिए नई आय के द्वार खोल रही है।
गेहूं की वैज्ञानिक खेती
सहायक विकास अधिकारी (कृषि) डॉ. नरेंद्र मालिक ने गेहूं की वैज्ञानिक खेती, उन्नत बीज, संतुलित उर्वरक प्रबंधन और रोग नियंत्रण पर व्यवहारिक सुझाव दिए, जिससे उत्पादन में प्रत्यक्ष वृद्धि संभव है।
पशुपालन भी आय का मजबूत आधार
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनुराग सिंह ने पशुओं के पोषण, टीकाकरण और रोग-नियंत्रण पर जोर देते हुए कहा कि स्वस्थ पशु ही किसान की आय को स्थिरता देते हैं।
गन्ना किसानों को योजनाओं की सौगात
गन्ना विभाग के सचिव श्री मुकेश राठी ने विभागीय योजनाओं की जानकारी साझा कर किसानों को सरकारी सुविधाओं से जोड़ने का भरोसा दिलाया।
किसानों की सक्रिय भागीदारी: सवाल-जवाब से समाधान तक
मेले में धर्मेंद्र कुमार, सत्येंद्र कुमार, विनीत तोमर, संजय कुमार, सागर तोमर, प्रशांत कुमार, रामगोपाल सिंह, हुकम सिंह, सत्यवीर सिंह, हरपाल सिंह, जयपाल सिंह, सुखबीर सिंह, नेपाल सिंह, महावीर सिंह, भूपेंद्र सिंह, राजवीर सिंह, भूदेव सिंह, महेंद्र सिंह, मुनेश कुमार, सुरेश सिंह, मनोज कुमार शर्मा, श्री तारा सिंह सहित बड़ी संख्या में प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।
किसानों ने विशेषज्ञों से सीधे सवाल पूछे और स्थानीय समस्याओं के व्यावहारिक समाधान प्राप्त किए।
विश्लेषण: क्यों अहम है रबी कृषि निवेश मेला?
यह मेला केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि—
- किसानों को तकनीक, योजना और ज्ञान से जोड़ने का मंच,
- प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर मिट्टी-पानी-स्वास्थ्य की रक्षा की पहल,
- और खेती को घाटे से निकालकर लाभ के मॉडल में बदलने की दिशा में ठोस कदम है।
निष्कर्ष: जागरूक किसान, सशक्त खेती
हल्दौर का रबी कृषि निवेश मेला यह संदेश देकर गया कि यदि किसान वैज्ञानिक सोच, सरकारी योजनाओं और प्राकृतिक संसाधनों का संतुलित उपयोग करें, तो खेती न केवल टिकाऊ बनेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सुरक्षित रहेगी। ऐसे आयोजन ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।
— अवनीश त्यागी की रिपोर्ट













