सुबह 5 बजे ‘बूटों की आहट’ से कांपे चार गांव — यूपी के ‘जामताड़ा’ में साइबर ठगों पर अब तक की सबसे बड़ी पुलिस कार्रवाई
मथुरा में हाई-वोल्टेज सर्च ऑपरेशन: 300 पुलिसकर्मी, 42 संदिग्ध हिरासत में, 100 से ज्यादा फरार
अवनीश त्यागी के साथ दुष्यन्त की विशेष रिपोर्ट
मथुरा | मथुरा के गोवर्धन थाना क्षेत्र में गुरुवार तड़के ऐसा नज़ारा देखने को मिला, जिसने साइबर अपराध की दुनिया में खलबली मचा दी। सुबह ठीक 5 बजे खेतों की पगडंडियों से आती पुलिस के बूटों की आवाज़ ने चार गांवों की नींद उड़ा दी। कुछ ही मिनटों में सन्नाटा चीख-पुकार और भगदड़ में बदल गया।
यह कोई सामान्य पुलिस कार्रवाई नहीं थी, बल्कि साइबर ठगी के गढ़ माने जाने वाले इलाकों पर अब तक का सबसे बड़ा और सुनियोजित छापा था।
किन गांवों में पड़ा पुलिस का शिकंजा?
गोवर्धन थाना क्षेत्र के कुख्यात साइबर हॉटस्पॉट—
- देवसरस
- मुरसेरस
- दौलतपुर
- नगला कटिया
इन गांवों को लंबे समय से साइबर ठगी का केंद्र माना जाता रहा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यहां से देश के कई राज्यों में ऑनलाइन फ्रॉड की कॉल्स जाती रही हैं।
300 पुलिसकर्मी, दो सुपर टीम और ‘नो एस्केप प्लान’
पुलिस ने इस कार्रवाई को पूरी तरह गुप्त रणनीति के तहत अंजाम दिया—
- 🔹 नेतृत्व: एसपी ग्रामीण व एसपी क्राइम
- 🔹 फोर्स:
- 4 अपर पुलिस अधीक्षक (ASP)
- 4 क्षेत्राधिकारी (CO)
- 26 इंस्पेक्टर
- कुल 300 से अधिक पुलिसकर्मी
- 🔹 रणनीति:
- गांवों के सभी रास्तों की नाकाबंदी
- वाहन गांव से बाहर छोड़कर पैदल प्रवेश
- खेतों और गलियों से एकसाथ घेराबंदी
नींद में थे गांव, जागे तो सामने खड़ी थी पुलिस
गांव गहरी नींद में डूबे थे। जैसे ही पुलिस की बूटों की आवाज़ गूंजी—
- संदिग्धों में हड़कंप मच गया
- लोग खेतों, घरों और झाड़ियों में छिपने लगे
- कई आरोपी राजस्थान सीमा की ओर भागे
👉 42 संदिग्ध मौके से हिरासत में लिए गए,
👉 100 से ज्यादा के राजस्थान भागने की सूचना है।
मोबाइल, सिम और डिजिटल सबूतों की भरमार
छापेमारी के दौरान—
- बड़ी संख्या में मोबाइल फोन बरामद
- कई संदिग्ध सिम कार्ड जब्त
- साइबर टीम द्वारा डिजिटल फॉरेंसिक जांच शुरू
पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि—
- कॉल कहां-कहां की गईं?
- सिम किसके नाम पर हैं?
- कहीं फर्जी पहचान का इस्तेमाल तो नहीं हुआ?
यूपी का ‘जामताड़ा’ क्यों कहलाता है यह इलाका?
देवसरस और आसपास के गांव—
- राजस्थान व हरियाणा सीमा से सटे
- कम पढ़े-लिखे, लेकिन साइबर अपराध में माहिर
- अपनाते हैं—
- फिशिंग कॉल
- ऑनलाइन फ्रॉड
- वीडियो रिकॉर्डिंग ब्लैकमेल
- फर्जी केवाईसी
- स्पैम कॉल व ईमेल
पुलिस रिकॉर्ड बताते हैं कि यहां से जुड़े मामलों की शिकायतें देशभर से आती रही हैं।
एसपी ग्रामीण का बयान
एसपी ग्रामीण के अनुसार—
“एसएसपी के निर्देश पर साइबर अपराधियों के खिलाफ यह बड़ी कार्रवाई की गई। चार गांवों की पूर्ण नाकाबंदी कर सर्च ऑपरेशन चलाया गया। 42 संदिग्ध हिरासत में हैं, जिनमें 8 नाम वांटेड सूची में दर्ज थे। पूछताछ और डिजिटल जांच जारी है।”
अभी खत्म नहीं हुई कार्रवाई
- सर्च ऑपरेशन अब भी जारी
- मोबाइल डेटा और कॉल डिटेल्स की जांच
- फरार आरोपियों की तलाश में सीमा क्षेत्रों पर अलर्ट
पुलिस संकेत दे रही है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
निष्कर्ष
गोवर्धन क्षेत्र में हुई यह कार्रवाई साफ संकेत है कि
साइबर अपराधियों के लिए अब गांवों की गलियां भी सुरक्षित नहीं रहीं।
उत्तर प्रदेश पुलिस की यह मुहिम साइबर ठगी के नेटवर्क को जड़ से तोड़ने की दिशा में एक निर्णायक कदम मानी जा रही है।











