ब्रेकिंग: रिकवरी टीम पर हमला! यूपी ग्रामीण बैंक के अधिकारियों से मारपीट — आरोपी पर गैर-जमानती धाराओं में FIR दर्ज
इस्लामाबाद शाखा, बिजनौर में सनसनी—पुलिस ने कहा: कल तक गिरफ्तारी तय!
रिकवरी पर गए बैंक अधिकारियों पर हमला — बढ़ापुर क्षेत्र में हंगामा
बिजनौर के बढ़ापुर थाना क्षेत्र के इस्लामाबाद स्थित उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक में रिकवरी कार्य के दौरान बड़ा बवाल हो गया।
शाखा प्रबंधक दिलीप कुमार पाल और द्वितीय अधिकारी सुभाष चंद्र पर आरोपी ने गाली-गलौज, सरकारी कार्य में बाधा, और यहां तक कि शारीरिक हमला तक कर दिया।
यह घटना ग्रामीण क्षेत्र में बैंक रिकवरी टीम की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है।
पुलिस की बिजली-सी कार्रवाई: FIR दर्ज, गिरफ्तारी की उलटी गिनती शुरू!
थाना बढ़ापुर ने बिना समय गंवाए आरोपी पर FIR संख्या 0197 (दिनांक 11/12/2025) दर्ज कर दी। मुकदमा इन गंभीर धाराओं में दर्ज हुआ—
- IPC 115(2) — सरकारी कार्य में बाधा
- IPC 352 — मारपीट
- IPC 132 — सरकारी कर्मचारी पर हमला (गैर-जमानती धाराओं में शामिल!)
सबसे बड़ी बात—धारा 132 गैर-जमानती है, यानी आरोपी की जमानत आसान नहीं।
पुलिस ने बैंक अधिकारियों को लिखित आश्वासन दिया है कि आरोपी की गिरफ्तारी कल सुबह तक तय है।
बैंक कर्मचारियों की मजबूत एकजुटता—इसी दम पर FIR तुरंत दर्ज!
घटना के बाद बैंक स्टाफ ने जिस तरह एकजुट होकर कार्रवाई सुनिश्चित कराई, वह काबिले-तारीफ है।
प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन, बिजनौर क्षेत्र ने सभी साथियों को विशेष धन्यवाद देते हुए कहा—
“कर्मचारियों की एकता ही हमारी ताकत है—इसी कारण हमला होने के बावजूद FIR त्वरित दर्ज हो सकी।”
विश्लेषण: यह सिर्फ मारपीट नहीं—सिस्टम पर हमला है!
- बैंक रिकवरी टीम पर हमला बढ़ती घटनाओं की श्रृंखला
- फील्ड में काम करने वाले अधिकारियों की सुरक्षा सबसे बड़ा प्रश्न
- सरकारी कार्य में बाधा डालने वालों पर जल्द व कड़ी कार्रवाई का उदाहरण
- ग्रामीण बैंकिंग सेक्टर में सुरक्षा प्रोटोकॉल मजबूत करने की जरूरत
यह घटना दिखाती है कि रिकवरी टीम हर दिन कितने जोखिम में काम करती है और उन्हें सुरक्षा का मजबूत ढांचा चाहिए।
आरोपी गिरफ्तार हुऐ बिना यह कहानी पूरी नहीं
इस्लामाबाद शाखा में हुआ हमला सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि इस बात का संकेत है कि फील्ड में कार्यरत बैंक अधिकारियों के लिए सुरक्षा इंतजाम बढ़ाना अब अनिवार्य हो गया है।
FIR दर्ज हो चुकी है, पुलिस सक्रिय है—अब नजरें गिरफ्तारी पर टिकी हैं।












