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बिजनौर की पंचायतों में ‘बजट लुटेरी ब्रिगेड’ सक्रिय?

बिजनौर की पंचायतों में ‘बजट लुटेरी ब्रिगेड’ सक्रिय?

फर्जी बिल, दोहरा भुगतान, नकली फोटो और जेसीबी घोटाले का बड़ा खुलासा

एक  संस्था ने मुख्यमंत्री को भेजा विस्फोटक पत्र — ब्लॉक कोतवाली से जिला मुख्यालय तक “सिस्टम की सांठगांठ” का दावा

बिजनौर/लखनऊ।
बिजनौर की पंचायतों में भ्रष्टाचार का ऐसा तांडव सामने आया है जिसने पूरे तंत्र पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। विकास खंड कोतवाली की ग्राम पंचायतों में सरकारी बजट को “लूट का माल” समझकर फर्जी बिल, डुप्लीकेट वाउचर और नकली फोटो अपलोड कर भुगतान करने के गंभीर आरोप सामने आए हैं।

एक संस्था द्वारा भेजे गए धमाकेदार शिकायत पत्र ने पंचायत विभाग, ब्लॉक कार्यालय और जिला स्तर के अधिकारियों की भूमिका को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

क्या यही है ‘विकास’? एक ही कार्य पर दो-दो भुगतान, जेसीबी से सफाई दिखाकर बिलों की बरसात!

शिकायत के अनुसार:
जहां विकास कार्यों में पारदर्शिता की उम्मीद की जाती है, वहीं यहां खेल बिल्कुल उलटा दिख रहा है।

1. समसपुर सद्दो: रंगाई-पुताई में ₹48,559 का “डबल धमाका”!
  • पहले भुगतान जावेद अहमद के नाम।
  • अपलोड किया गया बिल देवेन्द्र आर्ट सर्विस का।
  • सोशल मीडिया पर मामला जैसे ही उठा—
    उसी राशि का दूसरा भुगतान भी दे दिया गया!
  • सवाल—क्या अधिकारी खुद देख नहीं पा रहे थे या देखने का इरादा ही नहीं था?
2. असलमपुर भुल्लन: ₹4,000 के टेंडर में भी फर्जी प्रस्ताव?

छोटा टेंडर, पर घोटाले की मानसिकता बड़ी।
शिकायत के अनुसार, भुगतान का रास्ता साफ करने के लिए फर्जी प्रस्ताव अपलोड किया गया।
यह बताने के लिए काफी कि “खेल” सिर्फ बड़ी रकम तक सीमित नहीं।

3. बेदारपुर बख्तपुर जादो: अंतिम संस्कार स्थल पर ₹1,00,000 का नकली फोटो घोटाला!

  • असली बिल गायब,
  • नकली फोटो अपलोड,
  • और सीधा ₹1 लाख का भुगतान।
    शिकायत में इसे “सोची-समझी वित्तीय हेराफेरी” बताया गया है।
4. सफाई में जेसीबी दिखाकर ₹28,500 का बिल—और ऊपर से फर्जी CC रोड का कवर!
  • सफाई कार्य को जेसीबी से कराया हुआ दिखाया गया।
  • भुगतान जावेद अहमद को।
  • लेकिन अपलोड किया गया बिल राम अवतार के घर से मेन रोड तक सीसी कार्य का!

क्या यह लापरवाही है या संगठित भ्रष्टाचार? शिकायतकर्ता ने इसे “बकायदा प्लान्ड सेटिंग” बताया है।

5. समसपुर नसीब: लेबर-सफाई में ₹23,000 — भुगतान किसी को, बिल किसी और का!
  • भुगतान शकील कांट्रेक्टर को।
  • बिल अपलोड श्रीराम कांट्रेक्टर का।
    यह गड़बड़ी नहीं, बल्कि गिरोहबंदी का संकेत देती है।

जिला पंचायत राज अधिकारी और ब्लॉक अधिकारी पर ‘संरक्षण’ देने का आरोप

शिकायत पत्र का सबसे विस्फोटक हिस्सा—

  • वर्तमान जिला पंचायत राज अधिकारी छबीनाथ सोनकर,
  • और ब्लॉक स्तर के जिम्मेदार अधिकारी

—इन सभी पर “अप्रत्यक्ष संरक्षण” देने का शक जताया गया है।

यह दावा किया गया है कि फर्जी बिल—बेखौफ़ तरीके से—अपलोड किए जा रहे हैं और भुगतान बिना किसी जांच के स्वीकृत हो रहा है।
ग्राम पंचायत सचिव सलवेंदर राठी की भूमिका भी “अत्यधिक संदिग्ध” बताई गई है।

संस्था की मांग:

✔ “DM बिजनौर तुरंत ईमानदार अधिकारियों की विशेष टीम गठित करें”
✔ “प्रत्येक बिल, भुगतान और साइट वेरिफिकेशन की भौतिक जांच हो”
✔ “दोषियों पर कठोर कार्रवाई, निलंबन व दंड प्रक्रिया शुरू हो”
संस्था ने कहा कि यह मामला सिर्फ “आर्थिक अनियमितता” नहीं, बल्कि राष्ट्रहित का प्रश्न है, इसलिए इसे तत्काल प्राथमिकता से लिया जाए।
 प्रतिलिपि भेजी गई—
  • कमिश्नर, मुरादाबाद मंडल
  • निदेशक, पंचायत राज विभाग, लखनऊ
  • जिलाधिकारी, बिजनौर
  • जिला पंचायत राज अधिकारी, बिजनौर

अंतिम सवाल: क्या कार्रवाई होगी या फाइलों में धूल खाने के लिए छोड़ दिया जाएगा?

बिजनौर की पंचायतों में कथित भ्रष्टाचार का यह खुलासा प्रशासन के सामने एक कसौटी है।
अब देखना यह है कि—

क्या डीएम बिजनौर तुरंत कार्रवाई करती हैं ?
या
क्या यह भी उन मामलों की तरह दबा दिया जाएगा, जिनकी जांच कभी कागज़ से बाहर नहीं निकलती ?

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