बिजनौर: पटाखा फैक्ट्री में धमाका, DM का सख्त एक्शन! फैक्ट्री सील, लाइसेंस रद्द—जिम्मेदारों पर गिरेगी गाज
सुरक्षा मानकों की खुली उड़ती धज्जियां—पहले भी हो चुका धमाका, इस बार DM ने लिया बड़ा निर्णय; जांच टीम ने पकड़ी गंभीर लापरवाही
📍 बड़े धमाके से दहला आकू गांव, परत-दर-परत खुल रही लापरवाही की कहानी
बिजनौर के नहटौर थाना क्षेत्र के ग्राम आकू में बुधवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए शक्तिशाली विस्फोट ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया। तेज धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी और गांव में डर का माहौल फैल गया।
धुआं उठते ही ग्रामीणों की भीड़ घटनास्थल पर उमड़ पड़ी। प्रशासन मौके पर पहुंचा और जांच में ऐसे तथ्य सामने आए, जिनसे यह साफ हुआ कि हादसा सिर्फ इत्तेफाक नहीं—बल्कि सुरक्षा की अनदेखी का नतीजा है।
DM जसजीत कौर एक्शन मोड में—फैक्ट्री सील, लाइसेंस रद्द करने के आदेश
जिलाधिकारी जसजीत कौर ने घटना को बेहद गंभीरता से लेते हुए SDM धामपुर और CO नहटौर को तत्काल घटनास्थल पर भेजा।
निरीक्षण के बाद सामने आया कि:
- फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों का घोर उल्लंघन
- बारूद का अनुचित भंडारण
- अग्निशमन उपकरणों का अभाव
- SOP का पालन न करना
- फैक्ट्री का संचालन संदेहास्पद तरीके से
इन बिंदुओं पर DM ने कड़ा रुख अपनाते हुए फैक्ट्री को तुरंत सील करने, संचालक पर कानूनी कार्रवाई, और लाइसेंस निरस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए।
🔴 पहले भी हो चुका धमाका—शिकायतों के बाद भी चलता रहा संचालन
स्थानीय ग्रामीणों ने खुलासा किया कि इस फैक्ट्री में पहले भी विस्फोट हो चुका है।
इसके बावजूद:
- फैक्ट्री दोबारा चालू कर दी गई
- सुरक्षा मानकों की समीक्षा नहीं
- प्रशासनिक कार्रवाई सतही रही
- शिकायतों का असर नहीं हुआ
इस बार हुए धमाके ने सभी पुरानी लापरवाहियों को उजागर कर दिया।
राहत की बात—कोई जनहानि नहीं, लेकिन बड़ा खतरा टलते-टलते टला
DM ने बताया कि सौभाग्य से किसी भी प्रकार की जान हानि नहीं हुई।
घटना स्थल पर स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है।
फायर ब्रिगेड की टीमों ने आग को फैलने से रोक दिया, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
प्रमुख बिंदु (Bullet Points):
- आकू गांव स्थित पटाखा फैक्ट्री में जोरदार विस्फोट
- DM ने SDM व CO को घटनास्थल भेजकर जांच कराई
- सुरक्षा मानकों में घोर लापरवाही की पुष्टि
- फैक्ट्री सील, संचालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश
- लाइसेंस निरस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू
- पहले भी हो चुका था धमाका—शिकायतों पर कार्रवाई अधूरी
- कोई जनहानि नहीं, लेकिन गांव में दहशत का माहौल
प्रशासनिक जांच ने खोला पूरा खेल
जांच अधिकारियों ने पाया कि:
- फैक्ट्री में सुरक्षा गाइडलाइन का पालन नहीं
- बारूद की मात्रा रिकॉर्ड से अधिक
- कर्मचारियों को सुरक्षा प्रशिक्षण नहीं
- आग से बचाव उपकरण शून्य
- निगरानी तंत्र पूरी तरह फेल
इन तथ्यों के आधार पर DM ने कहा—“लापरवाही किसी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
विश्लेषण: नियमों की अनदेखी ने बढ़ाया खतरा, प्रशासनिक ढीलाई पर भी उठे सवाल
यह हादसा एक बार फिर साबित करता है कि ग्रामीण इलाकों में पटाखा उद्योग बिना पर्याप्त निगरानी के चल रहा है।
इस तरह की घटनाएं सिर्फ एक गांव ही नहीं, बल्कि पूरे जिले के लिए बड़े खतरे का संकेत हैं।
विश्लेषण बताता है:
- लाइसेंसिंग प्रणाली में खामियां
- सुरक्षा निरीक्षण का अभाव
- अवैध यूनिटों पर कार्रवाई ढीली
- बारूद की सप्लाई चेन की निगरानी कमजोर
इन सबके चलते ऐसे हादसे कभी भी बड़ी त्रासदी का रूप ले सकते हैं।
निष्कर्ष: अब सख्ती का समय—DM की कार्रवाई से बढ़ी उम्मीद
आकू गांव के धमाके ने प्रशासन को सोचने पर मजबूर किया है।
DM जसजीत कौर के त्वरित और सख्त फैसले ने यह संकेत दिया है कि:
✔ नियमों की अवहेलना करने वाले बच नहीं पाएंगे
✔ पटाखा उद्योग की जांच बड़े पैमाने पर होगी
✔ दोषियों पर कड़ी कार्रवाई तय है
जिले के लोग अब उम्मीद कर रहे हैं कि यह घटना जिले में अवैध पटाखा कारोबार पर बड़ी कार्रवाई की शुरुआत बनेगी।












