अमरोहा में 15 दिसंबर को बड़ा आंदोलन: पेंशनर्स आठवें वेतन आयोग में ‘उपेक्षा’ के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे
— सेवानिवृत कर्मचारियों में गहराता असंतोष, सरकार को चेतावनी: अधिकार छीने गए तो आंदोलन होगा और उग्र
📍अमरोहा | पेंशनर्स एसोसिएशन की कोर कमेटी बैठक में आंदोलन की विस्तृत रणनीति तैयार
10 दिसंबर 2025 को पेंशनर्स एसोसिएशन जनपद अमरोहा की कार्यकारिणी व कोर कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक जिला मंत्री राजेंद्र सिंह राणा के आवास पर आयोजित हुई।
इस बैठक का उद्देश्य 15 दिसंबर को होने वाले देशव्यापी धरना प्रदर्शन की सशक्त तैयारी करना था।
बैठक की शुरुआत में अध्यक्ष अनूप सिंह पेसल ने कहा—
“केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 2025 में पारित वित्त विधेयक ने पेंशनर्स के अधिकारों पर सीधा आघात किया है। इसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।”
इसके बाद मंच से एक स्वर में तय किया गया कि 15 दिसंबर को अमरोहा में शहीद पार्क (कलेक्ट्रेट) पर जोरदार एक दिवसीय धरना सभा होगी, जहां से प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी महोदया के माध्यम से भेजा जाएगा।
क्यों भड़के पेंशनर्स?—गहराई से समझिए मुद्दे
1️⃣ आठवें वेतन आयोग में पेंशनर्स को शामिल न करने का निर्णय
सरकार द्वारा भेजे गए टर्म्स ऑफ रेफरेंस (TOR) में पेंशनर्स को शामिल नहीं किया गया।
यानी अगर आयोग वेतन में वृद्धि की सिफारिश करेगा तो उसका लाभ सेवानिवृत कर्मचारियों को नहीं मिलेगा।
यह निर्णय पेंशनर्स के लिए “सीधे अपमान” के रूप में देखा जा रहा है।
उनकी मुख्य मांगें—
- TOR को संशोधित कर पेंशनर्स को भी शामिल किया जाए
- वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ सेवानिवृत कर्मचारियों को भी मिले
2️⃣ वित्त विधेयक 2025 पर बड़ा विरोध
वित्त विधेयक में ऐसा प्रावधान है जिससे सरकार को कर्मचारियों को सेवारत और सेवानिवृत श्रेणियों में विभाजित करने का विस्तृत अधिकार प्राप्त हो गया।
बैठक में इसे “अधिकारों की कटौती” बताया गया।
मांग—
- यह विधेयक तत्काल वापस लिया जाए
- पेंशन और वेतन से जुड़े अधिकारों में बिना परामर्श छेड़छाड़ रोकें
3️⃣ पेंशन कम्यूटेशन अवधि बदलने की मांग
वर्तमान में पेंशन कम्यूटेशन की अवधि 15 वर्ष है।
संगठन ने इसे घटाकर 10 वर्ष करने की मांग उठाई, ताकि बुजुर्ग पेंशनर्स को समय से आर्थिक राहत मिल सके।
📌15 दिसंबर का धरना क्यों महत्वपूर्ण?
पेंशनर्स एसोसिएशन इसे आगामी राष्ट्रीय आंदोलन की नींव बता रहा है।
दावा किया गया कि—
“अगर सरकार ने पेंशनर्स की उपेक्षा जारी रखी, तो यह सिर्फ धरना नहीं, बल्कि व्यापक जन-आंदोलन का रूप लेगा।”
धरने में शामिल होंगे—
- पेंशनर्स एसोसिएशन
- राजकीय शिक्षक संघ
- माध्यमिक शिक्षक संघ
- प्राथमिक शिक्षक संघ
- विभिन्न प्राधिकरणों और निगमों के सेवानिवृत कर्मचारी
- शिक्षण संस्थानों से सेवानिवृत भारी संख्या में कर्मचारी
यह बहु–संगठनात्मक एकता अमरोहा में बड़ा जनसमूह जुटने का संकेत दे रही है।
11–14 दिसंबर: जिला स्तर पर व्यापक संपर्क अभियान
आंदोलन को सफल बनाने के लिए संगठन ने
4 दिन का विशेष जनसंपर्क अभियान शुरू किया है—
📍11 दिसंबर – बैठकों का पहला चरण
- तहसील नौगांवा सादात
- तहसील अमरोहा
इन दोनों जगहों पर शाखाओं की बैठक लेकर सदस्यों को सक्रिय किया जाएगा।
📍12 दिसंबर – दूसरा चरण
- तहसील धनौरा
- तहसील हसनपुर
यहां शाखाओं से अपेक्षा की जाएगी कि वे 15 दिसंबर को अधिकतम संख्या में पहुंचें।
📍13–14 दिसंबर – घर-घर अभियान
जिला स्तर के पदाधिकारी अमरोहा शहर में रहने वाले पेंशनर्स से घर-घर जाकर संपर्क करेंगे।
तहसील शाखाओं के पदाधिकारी अपनी-अपनी तहसील में यही अभियान चलाएंगे।
इस दौरान बताया जाएगा कि यह आंदोलन सिर्फ “वेतन वृद्धि” का नहीं, बल्कि
“सम्मान, सुरक्षा और भविष्य” का मुद्दा है।
बैठक में कौन-कौन रहे मौजूद?
बैठक में बड़ी संख्या में पदाधिकारी शामिल हुए—
- अनूप सिंह पेसल – अध्यक्ष
- शिवेंद्र सिंह चिकारा – वरिष्ठ उपाध्यक्ष
- राजेंद्र सिंह राणा – मंत्री
- शिशुपाल सिंह – कोषाध्यक्ष
- अमीपाल सिंह – उपाध्यक्ष
- सोमदत्त, सुनील त्यागी, नानकचंद, धर्मपाल सिंह, अनीता यादव
साथ ही बेसिक शिक्षक संघ और माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
सभी से अपील
बैठक के अंत में दोपहर 12 बजे यह अपील की गई कि—
“15 दिसंबर को अमरोहा का शहीद पार्क कर्मचारियों की आवाज़ से गूंज उठे—अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर आंदोलन को सफल बनाएं।”
निष्कर्ष : अमरोहा का यह आंदोलन सरकार तक बड़ा संदेश भेजने वाला
पेंशनर्स एसोसिएशन का साफ संदेश है कि—
“आठवें वेतन आयोग में पेंशनर्स की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं—समान अधिकार की गारंटी चाहिए।”
अगर सरकार ने अनदेखी की तो
15 दिसंबर का यह प्रदर्शन देशभर में एक बड़े, एकजुट कर्मचारी आंदोलन का पहला अध्याय साबित हो सकता है।













