दिसंबर की सभी खेल प्रतियोगिताएँ रद्द — बढ़ते प्रदूषण पर प्रशासन की कड़ी नज़र, खिलाड़ियों की सुरक्षा को मिली सर्वोच्च प्राथमिकता

DM जसजीत कौर का सख्त निर्देश — “स्कूल हो या क्लब… किसी भी स्तर पर एक भी प्रतियोगिता नहीं होगी, आदेश तोड़ने पर कार्रवाई तय”
बिजनौर |
बिजनौर जिला प्रशासन ने वायु प्रदूषण की भयावह स्थिति को देखते हुए एक बड़ा, निर्णायक और कड़ा कदम उठाया है। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने खेल निदेशालय, उत्तर प्रदेश के निर्देशों के आधार पर पूरा दिसंबर माह खेल गतिविधियों पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है। यह निर्णय सर्वोच्च न्यायालय तथा वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM), नई दिल्ली) के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में लिया गया है।
जिले में पिछले दिनों AQI ‘बहुत खराब’ से भी ऊपर पहुंच चुका है, जिससे बच्चों और खिलाड़ियों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडराने लगा था। ऐसे में जिला प्रशासन ने “खेलों को विराम” देकर साफ संदेश दिया है कि स्वास्थ्य पहले—इवेंट बाद में।
वायु गुणवत्ता बेकाबू— प्रशासन ने दबाया ‘इमरजेंसी बटन’
बिजनौर में लगातार
- धूल,
- धुआं,
- स्मॉग
ने हवा को जहरीला बना दिया है। सुबह-शाम दृश्यता कम और सांस लेने में परेशानी की शिकायतें बढ़ रही हैं। इस स्थिति में खिलाड़ियों के लिए मैदान पर उतरना खतरे से खाली नहीं है।
चिकित्सकों के अनुसार ऐसे मौसम में खेल गतिविधियाँ—
- फेफड़ों की क्षमता घटाती हैं
- सांस की बीमारियाँ बढ़ाती हैं
- दिल पर दबाव बढ़ाती हैं
- बच्चों को तुरंत और लम्बे समय तक नुकसान पहुंचा सकती हैं
यही कारण है कि प्रशासन ने जीवन को प्राथमिकता देते हुए खेल रोकने का साहसिक फैसला लिया।
आदेश का दायरा बेहद व्यापक — कोई भी संस्था इससे बाहर नहीं
DM के आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि दिसंबर माह में—
किसी भी स्तर पर, किसी भी संस्था द्वारा, किसी भी खेल प्रतियोगिता का आयोजन नहीं होगा।
इसमें शामिल हैं—
- सभी सरकारी/गैर सरकारी विद्यालय
- सभी महाविद्यालय
- सभी स्पोर्ट्स क्लब
- सभी संस्थान
- सभी खेल संघ
- सभी उप जिलाधिकारी एवं जिला प्रशासनिक इकाइयाँ
यदि किसी संस्था ने पहले से कार्यक्रम तय कर रखा था,
तो उसे तत्काल प्रभाव से रद्द/स्थगित कर सूचित करना अनिवार्य है।
DM की चेतावनी: ‘उल्लंघन किया तो कार्रवाई पक्की’
जिलाधिकारी जसजीत कौर ने बेहद सख्त लहजे में चेताया है:
“निर्देशों की अवहेलना करने वाले अधिकारियों, संस्थाओं या प्रबंधन के विरुद्ध नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। पालन हर हाल में सुनिश्चित कराना होगा।”
यह स्पष्ट संकेत है कि प्रशासन इस बार प्रदूषण को हल्के में नहीं ले रहा। किसी भी उल्लंघन को सीधे आदेश अवमानना समझा जाएगा।
विश्लेषण: इस फैसले का वास्तविक असर क्या होगा?
1️⃣ बच्चों और खिलाड़ियों को सीधा फायदा
स्मॉग के बीच दौड़ना, कूदना या बाकी खेल गतिविधियाँ बच्चों के फेफड़ों को अत्यधिक नुकसान पहुंचाती हैं। इस रोक से उनका स्वास्थ्य सुरक्षित रहेगा।
2️⃣ आयोजनों का कैलेंडर बिगड़ेगा, लेकिन…
दिसंबर में होने वाले वार्षिक खेल दिवस, इंटर-स्कूल टूर्नामेंट, कॉलेज स्पोर्ट्स फेस्ट—
सबको रोकना पड़ेगा।
पर सुरक्षा सर्वोपरि होने के कारण माता-पिता इस निर्णय का समर्थन कर रहे हैं।
3️⃣ प्रशासन की सक्रियता पर मुहर
बिजनौर प्रशासन बीते दिनों लगातार
- निर्माण गतिविधियों पर नियंत्रण,
- पानी का छिड़काव,
- धूल नियंत्रण
जैसे कदम उठा रहा है।
खेल प्रतियोगिताएँ रोककर प्रशासन ने ये संदेश दिया—
“प्रदूषण पर काबू के लिए कड़े और कठोर कदम उठाने से हम पीछे नहीं हटेंगे।”
4️⃣ आने वाले सप्ताह निर्णायक होंगे
AQI में सुधार होने पर खेल गतिविधियों को दोबारा शुरू किया जा सकता है, लेकिन फिलहाल परिस्थितियाँ सुरक्षित नहीं।
प्रदूषण क्यों बढ़ रहा है? — एक नज़र वजहों पर
- सर्द मौसम में हवा का न चलना
- औद्योगिक क्षेत्रों की उत्सर्जन गतिविधि
- पराली अवशेष की छिटपुट घटनाएँ
- बढ़ता वाहन प्रदूषण
- धूल नियंत्रण पर ढील
- सुबह-शाम हवा में कणों का जमाव
ये सभी कारण मिलकर दिसंबर को बिजनौर में सबसे ज्यादा प्रदूषण वाला महीना बना देते हैं।
📌 निष्कर्ष — खिलाड़ियों की सेहत पर ‘नो-कम्प्रोमाइज’ वाला फैसला
बिजनौर प्रशासन का यह निर्णय भले ही खेल कैलेंडर को बाधित कर रहा हो, लेकिन यह कदम पूरी तरह व्यावहारिक, आवश्यक और समयानुकूल है।
आज की प्राथमिकता साफ है—
स्वस्थ हवा, सुरक्षित खिलाड़ी, और ज़िम्मेदार प्रशासन।












