दिल्ली में गूंजेगी बिजनौर के शिक्षकों की आवाज: चयन व प्रोन्नत वेतनमान, सुविधाओं और सम्मान की लड़ाई तेज
प्राथमिक शिक्षक संघ का बड़ा फैसला, 5 दिसंबर को रामलीला मैदान में शक्ति प्रदर्शन; कई मांगों पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित
दिल्ली कूच की तैयारी तेज: शिक्षकों ने ठोका हक और सम्मान का बिगुल
बिजनौर में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की अहम बैठक में जिले के शिक्षकों ने एक बार फिर अपने हितों की लड़ाई को सड़कों पर उतरकर लड़ने का निर्णय किया है। संघ ने ऐलान किया कि 5 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली रैली में बिजनौर से भी बड़ा शिक्षक प्रतिनिधिमंडल शामिल होगा।
बैठक में यह बात स्पष्ट रही कि अब शिक्षक अपने लंबित मुद्दों पर किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
वेतनमान, भत्ता, सुविधाएँ—मांगों की लंबी सूची
बैठक में शिक्षकों ने उन प्रमुख समस्याओं को चिन्हित किया, जो लंबे समय से लंबित हैं और सीधे उनके करियर, आर्थिक स्थिति और कार्य-परिस्थिति को प्रभावित करती हैं।
मुख्य मांगें
- चयन वेतनमान व प्रोन्नत वेतनमान का समय पर लाभ
- मिड डे मील कन्वर्जन कास्ट की धनराशि समय से उपलब्ध कराना
- जीपीएफ की लेखा पर्ची समय पर प्रदान करना
- दिव्यांग शिक्षकों को दिव्यांग भत्ता
- एकल विद्यालयों के शिक्षकों को स्वेच्छा से वापस समायोजित करने की सुविधा
- विद्यालयों में सहयोगात्मक निरीक्षण प्रणाली लागू करना
इन सभी मुद्दों पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किए गए और इन्हें रैली के मुख्य एजेंडे में शामिल किया गया।
संगठन बोला—शिक्षक उत्पीड़न नहीं होगा सहन
बीएसए कार्यालय में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष भूपेंद्र कुमार चौहान ने कहा कि शिक्षक हितों की लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है।
उन्होंने दो टूक कहा कि—
“जिले में किसी शिक्षक का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने सभी शिक्षकों से दिल्ली रैली में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की।
रैली ऐतिहासिक होगी—नेतृत्व का दावा
संघ के जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार ने कहा कि यह रैली केवल विरोध नहीं, बल्कि शिक्षक हितों की पुकार है।
प्रांतीय नेतृत्व—डॉ. दिनेश चंद शर्मा और महामंत्री ठाकुर संजय सिंह—के आह्वान पर पूरे प्रदेश के शिक्षक लामबंद हो रहे हैं।
संघ को मजबूत बनाने पर जोर
जिला मंत्री प्रशांत सिंह ने कहा कि संगठन जितना मजबूत होगा, उतनी ही जल्दी शिक्षक समस्याओं का समाधान होगा।
बैठक में संगठन विस्तार और ब्लॉक स्तर पर सक्रियता बढ़ाने के विषय पर भी चर्चा हुई।
बीएसए को सौंपा गया मांग पत्र
बैठक के बाद जिला अध्यक्ष भूपेंद्र कुमार चौहान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिन कसाना से भेंट की।
संघ ने उन्हें एक विस्तृत मांग पत्र सौंपकर समस्याओं के शीघ्र निस्तारण की मांग की।
सक्रिय उपस्थिति—पूरे जिले के प्रतिनिधि जुड़े
बैठक में बड़ी संख्या में शिक्षक और संगठन पदाधिकारी मौजूद रहे, जिनमें शामिल थे—
राजेंद्र कुमार, चौधरी कर्मेंद्र सिंह, असीम कुमार चौहान, मोहम्मद जावेद, विपिन शर्मा, अरविंद चौधरी, मुनैश सिंह, नवनीत चौहान, नितिन चौहान, गर्वित चौधरी, कुलदीप चौधरी, अमरदीप सिंह, गुलशन सिंह, धर्म सिंह, अरुण कुमार सिंह, अमित चौहान, मनोज राठी सहित अनेक शिक्षण प्रतिनिधि।
5 दिसंबर को होने वाली यह रैली केवल एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि शिक्षक समुदाय की एकजुटता, सम्मान की मांग और प्रशासनिक तंत्र को संदेश देने का प्रयास है कि अब उनकी आवाज़ को नजरअंदाज करना संभव नहीं होगा।
बिजनौर के शिक्षक इस रैली को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं।









