“मेरा कर्तव्य – गंगा की स्वच्छता” : बिजनौर से उठी नई पहल, घर-घर पहुंचा स्वच्छता का संदेश
ग्राम सीमली में चला अनोखा अभियान — कपड़े के थैले बने पर्यावरण बचाने का प्रतीक, ग्रामीणों ने लिया प्लास्टिक छोड़ने का संकल्प
बिजनौर।
गंगा के प्रति श्रद्धा को अब जिम्मेदारी में बदलने का समय आ गया है — यही संदेश लेकर “मेरा कर्तव्य – गंगा की स्वच्छता” अभियान बुधवार को ग्राम नई बस्ती सीमली (बिजनौर) में गूंजा।
जिला गंगा समिति बिजनौर के तत्वावधान में आयोजित इस अभियान में अधिकारियों और गंगा दूतों ने ग्रामीणों के बीच पहुंचकर घर-घर स्वच्छता का संदेश फैलाया।
कपड़े के थैले बने ‘पर्यावरण मित्र’ – प्लास्टिक पर लगी लगाम

गांव में गंगा दूतों ने लोगों को समझाया कि प्लास्टिक का थैला गंगा का दुश्मन है।
इसके स्थान पर कपड़े के थैले वितरित करते हुए जिला परियोजना अधिकारी पुलकित अग्रवाल ने कहा —
“गंगा की स्वच्छता केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, हर नागरिक का कर्तव्य है।
जब हम अपने थैले से प्लास्टिक को दूर करेंगे, तभी गंगा का आंचल सचमुच निर्मल बनेगा।”
इस अवसर पर “मेरा थैला, मेरी स्वच्छता” अभियान चलाया गया, जिसके अंतर्गत प्रत्येक ग्रामीण को कपड़े के थैले दिए गए और उन्हें प्रेरित किया गया कि वे बाजार, मंदिर या नदी तट — कहीं भी जाएं, पॉलिथीन नहीं, केवल कपड़े का थैला ही प्रयोग करें।
घर-घर पहुंचा स्वच्छता का संदेश
गंगा दूतों की टोली जब सीमली गांव की गलियों में उतरी, तो लोगों ने उत्साहपूर्वक स्वागत किया।
उन्होंने ग्रामीणों को प्रेरित किया कि —
- गंगा किनारे या किसी भी नदी तट पर कचरा न डालें,
- घर और आसपास का वातावरण स्वच्छ रखें,
- कचरा हमेशा कूड़ेदान में डालें,
- और दूसरों को भी प्लास्टिक मुक्त जीवन के लिए प्रेरित करें।
ग्रामीणों ने लिया शपथ – “हम रखेंगे गंगा को स्वच्छ”
कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से हाथ उठाकर कहा —
“हम कपड़े के थैले का ही प्रयोग करेंगे,
गंगा में कभी कचरा नहीं डालेंगे,
और अपने गांव को स्वच्छ, हरित व सुंदर बनाएंगे।”
यह दृश्य केवल एक अभियान नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन का रूप लेता दिखा।
विश्लेषण : जब जनता खुद बन जाए गंगा की प्रहरी
गंगा स्वच्छता का असली अर्थ यही है — जनसहभागिता।
बिजनौर में चला यह अभियान इस बात का प्रमाण है कि जब लोग अपने स्तर पर पर्यावरण बचाने का संकल्प लेते हैं, तो सरकारी योजनाएं आंदोलन बन जाती हैं।
“मेरा कर्तव्य – गंगा की स्वच्छता” सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक संवेदनशील जिम्मेदारी है।
📍 स्थान: ग्राम नई बस्ती सीमली, जनपद बिजनौर
आयोजक: जिला गंगा समिति, नमामि गंगे परियोजना
नेतृत्व: पुलकित अग्रवाल, जिला परियोजना अधिकारी
प्लास्टिक को किया अलविदा, कपड़े के थैलों से उठी स्वच्छ गंगा की नई लहर। 💚
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