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राकेश टिकैत बोले — “किसान परिवारों की ये क्षति अपूरणीय, संगठन हमेशा साथ खड़ा रहेगा”

राकेश टिकैत बोले — “किसान परिवारों की ये क्षति अपूरणीय, संगठन हमेशा साथ खड़ा रहेगा”

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने मृतक परिवारों से की मुलाकात, दी सांत्वना — कहा, “किसान एक परिवार है, किसी का दुख सबका दुख है”

ग्राउंड रिपोर्ट | विशेष संवाददाता

बिजनौर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत आज संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी जितेंद्र पहलवान और पूर्व में 25 वर्षों तक भाकियू से जुड़े रहे ठाकुर गजेंद्र सिंह के आवास पर पहुंचे।
दोनों ही किसान नेताओं के निधन के बाद टिकैत ने उनके परिवारों से मुलाकात कर गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि यह क्षति भारतीय किसान यूनियन और किसान समाज दोनों के लिए अपूरणीय है।

🔹 मुख्य बिंदु

  • राकेश टिकैत ने मृतक परिवारों को दी सांत्वना
  • संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी भी रहे उपस्थित
  • किसान एकता और भाईचारे का दिया संदेश
  • कहा — “किसान आंदोलन सिर्फ राजनीति नहीं, रिश्तों और संवेदना का आंदोलन है”

कौन-कौन रहे मौजूद

भाकियू प्रवक्ता के साथ जिला अध्यक्ष सुनील प्रधान, विनीत चौधरी, आशु चौधरी, जितेंद्र कुमार, डॉ. विजय सिंह समेत कई प्रमुख पदाधिकारी व किसान साथी भी मौजूद रहे।
इन सभी ने परिवारजनों को सांत्वना दी और संगठन की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

💬 राकेश टिकैत का बयान

“भाकियू सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि परिवार है। जब कोई साथी हमें छोड़कर जाता है, तो वह केवल परिवार का नहीं, आंदोलन की आत्मा का हिस्सा खो जाता है। हम इन परिवारों के साथ हैं और रहेंगे।”

टिकैत ने कहा कि आने वाले दिनों में संगठन किसानों की समस्याओं को लेकर नई रणनीति के साथ आगे बढ़ेगा और मृतक साथियों के योगदान को याद करते हुए उनके अधूरे सपनों को पूरा करेगा।

विश्लेषणात्मक दृष्टि

यह दौरा सिर्फ एक औपचारिक शोक संवेदना नहीं बल्कि किसान एकता के भावनात्मक और सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने की पहल भी माना जा रहा है।
टिकैत का यह कदम ग्रामीण समाज में यह संदेश देता है कि भाकियू सिर्फ आंदोलन की नहीं, बल्कि मानवीय सरोकारों की भी प्रतीक है।

🟢 निष्कर्ष

राकेश टिकैत का यह दौरा भारतीय किसान यूनियन के संगठनात्मक एकजुटता और किसान परिवारों के बीच गहरी संवेदना का प्रतीक बन गया है।
किसानों की आवाज को सशक्त करने वाले इस संगठन की जड़ें गांव-गांव में हैं और यही मानवीय संबंध इसे जीवंत बनाए हुए हैं।

📍 रिपोर्ट: विशेष संवाददाता, डिजिटल टारगेट टीवी लाइव न्यूज़ पोर्टल
 फोटो: भाकियू मीडिया टीम

 

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