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बिजनौर में बाघ का कंकाल बरामद: अमानगढ टाइगर रिजर्व और कार्बेट लैंडस्केप में सघन सुरक्षा

बिजनौर में बाघ का कंकाल बरामद: अमानगढ टाइगर रिजर्व और कार्बेट लैंडस्केप में सघन सुरक्षा

अंतरराज्यीय बैठक, सघन गश्त और विशेष टीमों के जरिए वन्य अपराधियों पर कड़ी निगरानी

 मुख्य हाइलाइट्स

  • अमानगढ रेंज की बीट 8 में बाघ के अवशेष बरामद

  • उत्तर प्रदेश-उत्तराखण्ड सीमा पर गश्त और निगरानी में वृद्धि

  • 26 सितंबर को कोटद्वार में अंतरराज्यीय बैठक

  • स्क्वॉड डॉग और तकनीकी साधनों का प्रयोग

  • रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और ग्रामीण क्षेत्रों में चैकिंग अभियान

  • दोषियों के खिलाफ व्यापक स्तर पर सर्च अभियान

 बिजनौर में वन्यजीव अपराध का नया खुलासा

बिजनौर। सामाजिक वानिकी प्रभाग, बिजनौर के अमानगढ रेंज की बीट 8 में 19 और 20 सितंबर 2025 की रात को छापेमारी के दौरान बाघ का कंकाल, दांत और नाखून बरामद हुए।

वन अधिकारियों ने बताया कि यह जानकारी विश्वसनीय सूत्रों से मिली और इसे गंभीर वन्यजीव अपराध माना जा रहा है।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड की सीमा पर स्थित कार्बेट टाइगर और अमानगढ टाइगर रिजर्व के आसपास के वन क्षेत्रों में नियमित गश्त और निगरानी के बावजूद यह घटना सामने आई, जो यह दर्शाती है कि शिकारी अपराधी अभी भी सक्रिय हैं।

अंतरराज्यीय समन्वय और रणनीतिक बैठक

वन अधिकारियों के अनुसार 26 सितंबर 2025 को कोटद्वार में एक अंतरराज्यीय बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें शामिल होंगे:

  • प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग, बिजनौर
  • प्रभागीय वन अधिकारी, बिजनौर और नजीबाबाद
  • प्रभागीय वन अधिकारी, लैंसडाउन और कालागढ़
  • रामनगर एवं सीमावर्ती क्षेत्रों के प्रभागीय वन अधिकारी
  • क्षेत्रीय अधिकारी और फील्ड स्टाफ

बैठक का मुख्य उद्देश्य:

  • शिकारी प्रवृत्ति वाले अपराधियों की पहचान

  • संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी

  • वन्यजीव संरक्षण में अंतरराज्यीय समन्वय को मजबूत करना

सघन अभियान और विशेष टीमें

वन संरक्षक और क्षेत्रीय निदेशक, मुरादाबाद के निर्देशन में 23 और 24 सितंबर 2025 को अमानगढ रेंज में विशेष अभियान चलाया गया।

  • उत्तराखण्ड स्टाफ के साथ संयुक्त कार्यवाही
  • स्क्वॉड डॉग का प्रयोग कर बाघ के अवशेष बरामद
  • संवेदनशील क्षेत्रों में सघन कुम्बिंग और निगरानी
  • रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, ग्राम और गुज्जर डेरों में चैकिंग अभियान

वन संरक्षक रमेश चंद्र (भा. व. से, मुरादाबाद मंडल) ने कहा:

“अमानगढ टाइगर रिजर्व और कार्बेट लैंडस्केप में वनों और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
वन्यजीव अपराध में संलिप्त अपराधियों के खिलाफ व्यापक स्तर पर सर्च अभियान चलाया जाएगा। इस कार्य हेतु वन विभाग की विशेष टीमें लगातार काम कर रही हैं। जो भी दोषी हैं, वे जल्द ही सलाखों के पीछे होंगे।”

 विशेषज्ञों की राय

वन्यजीव संरक्षण विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना संकेत देती है कि:

  • अंतरराज्यीय समन्वय और नियमित गश्त आवश्यक हैं

  • शिकारी प्रवृत्ति वाले अपराधियों पर दबाव बढ़ाने के लिए सघन निगरानी और चैकिंग जरूरी है

  • स्क्वॉड डॉग और तकनीकी उपकरणों का प्रयोग बाघ और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण में प्रभावी

  • आगामी बैठक में रणनीति और कार्यान्वयन की समीक्षा की जाएगी

 बुलेट पॉइंट्स में विश्लेषण

  • अमानगढ रेंज में बाघ अवशेषों की बरामदगी ने वन्यजीव सुरक्षा अधिकारियों की चिंता बढ़ाई
  • उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड सीमा पर गश्त और निगरानी को और सख्त किया गया
  • संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान और सघन गश्त से अपराधियों पर दबाव
  • विशेष टीमों और स्क्वॉड डॉग का उपयोग
  • रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और ग्राम स्तर पर नियमित चैकिंग और खोज अभियान

 निष्कर्ष

बिजनौर और आसपास के वन क्षेत्रों में बाघ के अवशेष बरामद होने की घटना गंभीर है।

  • अंतरराज्यीय समन्वय, नियमित गश्त और विशेष टीमों व आधुनिक तकनीक के उपयोग से वन्यजीव संरक्षण और शिकारी अपराध रोकथाम में मदद मिल रही है।
  • अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि सभी संवेदनशील क्षेत्रों में सतर्कता और खोज अभियान लगातार जारी रहेंगे।

 

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